दिनांक 14 -05 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज भूलकर भी न पहनें नीले वस्त्र जानें क्यों ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 14/05/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- दशमी रात्रि 26:43 बजे उपरांत एकादशी
* वार- रविवार
* नक्षत्र – शतभिषा प्रातः10:12 बजे उपरांत पूर्वाफाल्गुनी
* योग- 1 ऐन्द्र – प्रातः 6:31:12 A.M. 2 वैधृति- 29:19:12 A.M उपरांत 3. विष्कुंभ
करण-1* वणिज- 15:39:36 P.M. 2 विष्टि (भद्रा)- 26:43 A.M. उपरांत 3 – बव
* चंद्र राशि – कुंभ रात्रि 27:20 बजे उपरांत मीन
चंद्र बल – मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु,मकर, कुंभ रात्रि 27:20 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 05:52 A.M. सूर्यास्त – 07:09 P.M.
दिनमान – 13:17
रात्रिमान – 10:42 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:06:30 बजे से 12:54:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:30:30 से 02:10:07 बजे तक
2. रात्रि 01:50:15 से 03:10:30 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 05:52 से 07:31:37 तक
2.चंचल-प्रातः 07:31:37 से 09:11:15 तक
- लाभ- प्रातः 09:11:15 से 10:50:52 तक
4.अमृत-प्रातः 10:50:52 से 12:30:30 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:30:30 से 02:10:07 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:10:07 से 03:49:45 तक
7.रोग-सायं 03:49:45 से 05:29:22 तक
8.उद्वेग-सायं 05:29:22 से 07:09:00 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 07:09:00 से 08:29:15 तक
2.अमृत -रात्रि 08:29:15 से 09:49:30 तक
3.चंचल-रात्रि 09:49:30 से 11:09:45 तक
4.रोग-रात्रि 11:09:45 से 12:30:00 तक
5.काल-रात्रि 12:30:00 से 01:50:15 तक
6.लाभ-रात्रि 01:50:15 से 03:10:30 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:10:30 से 04:30:45 तक
8.शुभ-रात्रि 04:30:45 से 05:51 तक
वार विशेष- ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शनि एवं सूर्य ग्रह परस्पर एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं ।काला एवं नीला रंग शनि देव का माना जाता हैं। रविवार का दिन सूर्य को समर्पित होने के कारण आज आप भूल कर भी काले एवं नीले रंग के वस्त्र ना पहने अन्यथा आपके सामने पिता पुत्र के मध्य वाद विवाद या गृह क्लेश जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721