Nature

ताज़ा खाये या सूखा कर, कई चमत्कारिक फायदे है इस छोटे से फल में

Nature

आलूबुखारे (प्लम) के गुण
आलूबुखारा (प्लम) एक औषधीय पौधा माना जाता है और इसका इस्तेमाल ख़ास तौर से बायोलॉजिकल एक्टिविटीज़ (जैविक गतिविधियों) के लिए किया जाता है।1 आलूबुखारा (प्लम) के कुछ चिकित्सीय गुण इस प्रकार हैं:इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट हो सकते हैं इसमें एंटी-माइक्रोबियल क्षमता हो सकती है
इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हो सकते हैं
इसमें एंटी-लार्विसाइडल गुण (जो कीड़ों को मारने में मदद करता है) हो सकते हैं।

आलूबुखारे (प्लम) के संभावित उपयोग:
आलूबुखारा (प्लम) न सिर्फ स्वादिष्ट मौसमी फल है बल्कि यह बहुत उपयोगी भी है। अपने कई गुणों के कारण कई बीमारियों को मैनेज करने में उनका इस्तेमाल किया जा सकता है

1. डायबिटीज के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
डायबिटीज एक मेटाबोलिक असामान्यता है जो पर्याप्त इंसुलिन प्रोडक्शन न होने या इसकी पूर्ण कमी के कारण होती है। एक अध्ययन में पाया गया कि आलूबुखारा (प्लम) के अर्क के एंटी-डायबिटिक गुणों ने ब्लड ग्लूकोज़ के लेवल को काफी कम कर दिया। एक अन्य अध्ययन ने पोस्ट-प्रांडियल हाइपोग्लाइसीमिया (खाने के बाद ज़्यादा ग्लूकोज प्रोडक्शन होना) की शुरुआती स्टेज को नियंत्रित करने में आलूबुखारा (प्लम) प्यूरी की क्षमता को दिखाया।
कम ग्लाइसेमिक (ग्लूकोज़) इंडेक्स (जीआई) वाले खाद्य पदार्थ, खाने के बाद ब्लड इंसुलिन में होने वाली बढ़ोतरी और गिरावट को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसलिए जिसे डायबिटीज है उसे कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है। एक ह्यूमन स्टडी ने पुष्टि की है कि उपवास के दौरान सूखा आलूबुखारा (प्लम) खाने से इंसुलिन और प्लाज्मा ग्लूकोज़ के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है।आलूबुखारा (प्लम) खाने से डायबिटीज वाले लोगों को मदद मिल सकती है, लेकिन डायबिटीज जैसी गंभीर समस्या के लिए किसी भी फल या सब्जियों का इस्तेमाल करने से पहले आपको अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर से संपर्क करना चाहिए।

2. कब्ज़ के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
आलूबुखारा (प्लम) कब्ज़ और पाचन से जुड़ी समस्याओं जैसे कि पेट फूलना, अपच, ब्लोटिंग और सीने में जलन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। आलूबुखारा (प्लम) को एक हल्के लैक्सेटिव के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। सूखे आलूबुखारे (प्लम) से तैयार जैम मल त्याग (बाउल मूवमेंट) को बढ़ाने और दवा के इस्तेमाल को कम करने में मदद करता है। सूखा आलूबुखारा प्लम) मल को नरम करने में भी मदद कर सकता है, जो कब्ज और पेट में दर्द, बेचैनी की समस्या से पीड़ित लोगों की मदद करता है।
सूखे आलूबुखारे (प्लम) में कुछ फेनोलिक कंपाउंड होते हैं जो पाचन तंत्र में गति बढ़ाने में मदद कर सकते हैं, जिससे पेट खाली करने में मदद मिलती है। आलूबुखारा (प्लम) में सेरोटोनिन होता है, जो आंतों के फ्लूइड प्रोडक्शन और आंत की गतिशीलता को बढ़ाता है। इनमें एक प्रीबायोटिक असर और काफी मात्रा में फाइबर कंटेंट भी होता है जो कोलन में मददगार बैक्टीरिया को बनाए रखने में मदद करते हैं।इसके इतने फायदों के बावजूद, अपने डॉक्टर से परामर्श किए बिना उनका इस्तेमाल करने से बचें। अगर आपको पाचन से जुड़ी कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उचित डायग्नोसिस और इलाज कराएं।

3. कैंसर के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
आलूबुखारे (प्लम) के अर्क ने लैब स्टडीज के दौरान एक आवश्यक एंटी-ऑक्सीडेंट एक्टिविटी दिखाई। आलूबुखारे (प्लम) के गूदे और छिलके में सबसे ज़्यादा मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं।आलूबुखारे (प्लम) में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर कोशिकाओं से बाइंड कर सकते हैं और सिग्नलिंग पाथवे के लिए जिम्मेदार ख़ास एंजाइम की कार्रवाई को रोक सकते हैं। यह सिग्नलिंग पाथवे कैंसर कोशिकाओं को एंटी-कैंसर-दवाओं के प्रति ज़्यादा प्रतिरोधी बनाने के लिए जिम्मेदार है। इसके ये फायदे कैंसर में मदद कर सकते हैं, लेकिन मेडिकल समस्याओं के लिए किसी भी जड़ी-बूटी या फल का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर या फिजिशियन से परामर्श करें।

4. हड्डियों के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
आलूबुखारे (प्लम) में विटामिन K, कॉपर, पोटैशियम और बोरॉन होता है। विटामिन K हड्डी के मिनरलाइज़ेशन में मदद कर सकता है और पोटैशियम हड्डी की मिनरल डेंसिटी (खनिज घनत्व) को बनाए रखने में मदद करता है। एक लैब ट्रायल के दौरान आलूबुखारे (प्लम) अल्कोहल के अर्क को हड्डी के फिर से सोखने की प्रक्रिया को रोकने वाला और हड्डी की फॉर्मेशन को बढ़ाने वाला माना गया है।
अध्ययनों में यह पाया गया है कि हड्डी की पहले से मौजूद क्षति पर आलूबुखारा (प्लम) बहुत असरदार था। आलूबुखारे (प्लम) के पाउडर के परिणामस्वरूप चूहों की हड्डी की मिनरल डेंसिटी (खनिज घनत्व) में बढ़ोतरी हुई और रीढ़ रिस्टोर हुई।ये फायदे जानवरों पर हुए अध्ययनों में सिद्ध हुए हैं और अभी तक इंसानों पर हुए ट्रायल में ऐसे फायदे नहीं देखे गए हैं । इसलिए, अपने हेल्थ सारे प्रोवाइडर से परामर्श किए बिना हड्डियों की किसी भी बीमारी की समस्या के लिए आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करने से बचें।

5. गर्भावस्था के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
अध्ययनों में पाया गया है कि गर्भवती को आलूबुखारे (प्लम) का अर्क देने से उनके बच्चे की हड्डी (ऑस्टोजेनेसिस) का विकास और निर्माण बढ़ता है। आलूबुखारे (प्लम) का अर्क सीरम कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करता है, जिसके परिणामस्वरूप एक लंबी हड्डी की मौजूदा लंबाई की तुलना में नई हड्डी का गठन का ज़्यादा अनुपात होता है। ये फायदे जानवरों पर किए गए अध्ययनों में देखे गए हैं और अभी तक इंसानों में ऐसे फायदों की पुष्टि नहीं हुई है। आपको गर्भावस्था के दौरान आलूबुखारे (प्लम) का इस्तेमाल करने से पहले आपको सावधानी बरतने की ज़रूरत है।

6. वज़न घटाने के लिए आलूबुखारा (प्लम) के संभावित उपयोग
बेर में पॉलीफेनोल्स और बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो मोटे लोगों में एनर्जी के रेगुलेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, भोजन का सेवन बढ़ाते हैं और इंसुलिन जैसे और दिल को सुरक्षित रखने वाले प्रभावों को बढ़ाते हैं। आलूबुखारे (प्लम) के जूस में कम कैलोरी होती है, जो शरीर के वज़न को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
एक प्रीक्लिनिकल अध्ययन में पाया गया कि आलूबुखारे (प्लम) के जूस का सेवन शरीर के वज़न को कम करने के लिए उपयोगी था। आलूबुखारे (प्लम) के जूस में कम कैलोरी और ज़्यादा पॉलीफेनोल्स भी शरीर के वज़न को कम करने में मदद करते हैं।

7.आलूबुखारे (प्लम) शरीर को मिलने वाले अन्य फायदे
ताज़े आलूबुखारे (प्लम) में सेरोटोनिन होता है, यह एक न्यूरोट्रांसमीटर (रासायनिक संदेशवाहक) है जो चिंता और नियोफोबिया (नए भोजन का डर) को कम करने में मदद कर सकता है।
क्लीनिकल अध्ययनों में पाया गया है कि आलूबुखारे (प्लम) के जूस का सेवन खून में इंसुलिन और ग्लूकोज लेवल बनाए रखने में मदद करता है, जिससे यह दिल की बीमारियों के जोखिम को रोकने में मदद कर सकता है।
आलूबुखारे (प्लम) में काफी अच्छी मात्रा में पोटेशियम होता है जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है।हालांकि अध्ययन विभिन्न बीमारियों की स्थितियों में आलूबुखारे (प्लम) के जूस के फायदों को दिखाते हैं, लेकिन ये अध्ययन अपर्याप्त हैं और इंसान की सेहत पर आलूबुखारे (प्लम) के जूस के फायदों की सही सीमा स्थापित करने के लिए आगे और अध्ययन की ज़रुरत है।

  • Ashok Pareek

    Related Posts

    शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

    पंचांग तिथि:प्रतिपदा, 13:17 तक नक्षत्र:अश्विनी, 13:27 तक योग:वज्र, 21:31 तक प्रथम करण:कौवाला, 13:17 तक द्वितिय करण:तैतिल, 23:32 तक वार:शुक्रवार अतिरिक्त जानकारी सूर्योदय:06:40 सूर्यास्त:17:57 चन्द्रोदय:18:34 चन्द्रास्त:07:20 शक सम्वत:1946 क्रोधी अमान्ता महीना:आश्विन…

    खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

    समाचार गढ़, 17 अक्टूबर। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांव सोनियासर शिवदानसिंह में खेत की सीमा को लेकर हुए विवाद में तीन सगे भाइयों ने एक बुजुर्ग पर हमला कर उसे गंभीर…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

    शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

    खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

    खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

    केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री मेघवाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा नेअनेक विकास कार्यों का किया शिलान्यास-लोकार्पण

    केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री मेघवाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा नेअनेक विकास कार्यों का किया शिलान्यास-लोकार्पण

    शराबबंदी के समर्थन में ग्रामीणों का आंदोलन 46वें दिन भी जारी, प्रशासन की उदासीनता से नाराज ग्रामीण

    शराबबंदी के समर्थन में ग्रामीणों का आंदोलन 46वें दिन भी जारी, प्रशासन की उदासीनता से नाराज ग्रामीण

    श्रीडूंगरगढ़ में युवाओं की पहली पसंद बन रही होंडा बाइक, दीपावली ऑफर्स ने बढ़ाई मांग

    श्रीडूंगरगढ़ में युवाओं की पहली पसंद बन रही होंडा बाइक, दीपावली ऑफर्स ने बढ़ाई मांग

    रीड़ी में डिग्गी पर नहाने के दौरान युवक की मौत, हादसे से परिवार में शोक

    रीड़ी में डिग्गी पर नहाने के दौरान युवक की मौत, हादसे से परिवार में शोक
    Social Media Buttons
    Telegram
    WhatsApp
    error: Content is protected !!
    Verified by MonsterInsights