समाचार गढ़, 26 सितम्बर, श्रीडूंगरगढ़। नववधू जैन संस्कार निर्माण कार्यशाला का भव्य आयोजन जैन धर्म मिलना अत्यंत सौभाग्य का सूचक साध्वी संघ प्रभा इस कालीकाल में जैन धर्म मिलना अत्यंत सौभाग्य का सूचक है जैन धर्म की प्राप्ति जितनी दुर्लभ है उससे भी अधिक दुष्कर है जैनत्व के संस्कारों को सुरक्षित रखते हुए भावी पीढ़ी को संस्कारी बनाए रखना वास्तव में सच्चा जैन वही है जो अपने सुख-दुख का करता स्वयं को मानते हुए आत्मा को परमात्मा बनाने की दिशा में प्रयत्नशील रहता है जो प्राणी मात्र के प्रति समानता व दया का भाव रखता है जो किसी को नहीं सताता है उक्त विचार आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी संघ प्रभा जी ने नव वधु साप्ताहिक जैन संस्कार निर्माण कार्यशाला समापन समारोह के उपलक्ष में तेरापंथ भवन मोमासर में आयोजित भव्य कार्यक्रम में व्यक्त किए साध्वी श्री ने अपने प्रभावी मंगल उद्बोधन पश्चात दुर्लभ हैं जैन धर्म में मिलना प्रेरक गीत के माध्यम से जैन धर्म के सिद्धांतों को अच्छी तरह समझकर जैनत्व की पहचान जीवन व्यवहारों में अपनाने का आह्वान किया ज्ञातव्य है कि दिनांक 20 सितंबर से 26 सितंबर तक मोमासर में प्रथम बार आयोजित इस कार्यशाला में मुख्यरूप से जैनेतर समाज आसाम,बिहार,व यु. पी.आदि प्रांतों से जैन समाज में विवाहित युवतियों ने प्रतिदिन एक घंटा साध्वी विधि प्रभा जी के निर्देशन में जैन श्रावकाचार के बारे में प्राथमिक प्रशिक्षण प्राप्त किया इस कार्यक्रम में साध्वी विधि प्रभा जी ने बहनों को निरंतर ज्ञान के अभ्यास के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा दी साध्वी प्रांशु प्रभा ने नारी जीवन एवं कुशल गृहणी के टिप्स बताते हुए सभी युवतियों को सहनशील वह चिंतनशील बने रहकर सफलता की और अग्रसर होने के लिए प्रेरित किया इस अवसर पर संभागीय नव वधुओं मिताली संचेती,ज्योति बाफना,प्रीति बाफना, आरती संचेती,कनक बाफना, व पूजा नाहटा द्वारा रोचक लघु शब्द चित्र प्रस्तुत किया गया अनुभूति के स्वर शब्दों मे मुखर करते हुए बहनों ने श्रावकचर्या के विभिन्न बिंदुओं को उजागर किया तेरापंथी सभा की ओर से अशोक जी पटावरी व महिला मंडल की ओर से पुष्पा पटावरी ने अभिव्यक्ति दी व प्रस्तुतीकरण की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए आत्मविश्वास पूर्वक संस्कारी जीवन जीने पर बल दिया अंत में साध्वी संघ प्रभा जी ने सबको सामूहिक गुरु धारणा प्रत्याख्यान करवाया सभी बहनों को जैन विद्या पुस्तक प्रथम भाग व सामग्री से प्रस्तुत पुरस्कृत किया गया।
शनिवार 5 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया
पंचांगतिथि:तृतीया, 31:49 तकनक्षत्र:स्वाति, 21:25 तकयोग:विष्कंभ, 30:06 तकप्रथम करण:तैतिल, 18:40 तकद्वितिय करण:गारा, 31:49 तकवार:शनिवार अतिरिक्त जानकारीसूर्योदय:06:32सूर्यास्त:18:11चन्द्रोदय:08:31चन्द्रास्त:19:31शक सम्वत:1946 क्रोधीअमान्ता महीना:आश्विनपूर्णिमांत:आश्विनसूर्य राशि:कन्याचन्द्र राशि:तुलापक्ष:शुक्ल अशुभ मुहूर्तगुलिक काल:06:32 − 08:00यमगण्ड:13:49 − 15:16दूर मुहूर्तम्:12:32 − 12:3412:34…