गुरु ही परम वैभव का मार्ग, आत्मबोध से जागे विश्व बोध की भावना
समाचार गढ़ 13 जुलाई 2025 श्रीडूंगरगढ़। अखिल भारतीय साहित्य परिषद् श्रीडूंगरगढ़ इकाई द्वारा 12 जुलाई 2025 को आदर्श विद्या मंदिर प्रांगण में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन भव्य रूप से किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता अखिल भारतीय साहित्य परिषद् जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष डॉ. अखिलानंद पाठक ने गुरु की महत्ता, गुरु पूर्णिमा के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पक्ष, साहित्य की वर्तमान चुनौतियाँ और परिषद् के उद्देश्यों पर गहन विचार रखे।
डॉ. पाठक ने कहा कि “आत्मबोध से ही विश्व बोध की भावना जागती है। यदि नई पीढ़ी गुरु का सम्मान करे तो आज भी हमारे आस-पास विश्वामित्र और चाणक्य जैसे गुरु मिल सकते हैं।” उन्होंने नवोदित रचनाकारों को जोड़कर साहित्य की नई दिशा तय करने का आह्वान किया और जन-जन तक साहित्य पहुंचाने पर बल दिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद् एवं कर्मठ समाजसेवी रूपचंद सोनी ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा, “सफलता और परम वैभव तक पहुंचने का मार्ग केवल गुरु ही दिखा सकता है। गुरु का मार्गदर्शन जीवन को दिशा देता है।”
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सेवा धाम की बहनों द्वारा प्रस्तुत दीप मंत्र से हुई। स्थानीय खंड संघचालक आसाराम पारीक का भी सान्निध्य कार्यक्रम को प्राप्त हुआ।
साहित्य परिषद् के कोषाध्यक्ष रमेश सारस्वत ने अतिथियों का स्वागत किया। सेवा धाम की बहनों ने गुरु वंदना प्रस्तुत की। सपना मीणा ने भी गुरु पूर्णिमा पर अपने विचार रखे। परिषद् की अध्यक्ष श्रीमती भगवती पारीक ‘मनु’ ने आभार ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में परिषद् के पदाधिकारी, सदस्य, मातृशक्ति एवं बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सुचारु संचालन अंबिका डागा ने किया।











