दिनांक 15-05-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
भाग्य साथ नहीं दे रहा है तो अवश्य करें आज ये व्रत
श्री गणेशाय नमः
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 15/05 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- एकादशी रात्रि 25:00 बजे उपरांत द्वादशी
* वार- सोमवार
* नक्षत्र – पूर्वाभाद्रपद प्रातः 09:05 बजे उपरांत उत्तराभाद्रपद
* योग- विष्कुंभ रात्रि 25:25:24 बजे उपरांत प्रीति
- करण- 1 बव- 13:49 P. M. 2 बालव-25:00 A.M. उपरांत कौलव
चंद्र राशि मीन
चंद्र बल– वृषभ,मिथुन,कर्क, कन्या, तुला,वृश्चिक, मकर, कुंभ,मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय -05:51 A.M. सूर्यास्त – 07:09 P.M.
दिनमान – 13:18
रात्रिमान – 10:42 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:06 बजे से 12:54 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 07:30:45 से 09:10:30 बजे तक
2. रात्रि 11:09:45 से 12:30:00 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.अमृत- प्रातः 05:51 से 07:30:45 तक
2.काल-प्रातः 07:30:45 से 09:10:30 (कालवेला निषेध)
3.शुभ-प्रातः 09:10:30 से 10:50:15 तक
4.रोग-प्रातः 10:50:15 से 12:30:00 तक
5.उद्वेग- दोपहर 12:30:00 से 02:09:45 तक
6.चंचल- दोपहर 02:09:45 से 03:49:39 तक
7.लाभ- सायं 03:49:30 से 05:29:15 तक (वारवेला निषेध)
8.अमृत-सायं 05:29:15 से 07:09 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.चंचल-रात्रि 07:09 से 08:29:15 तक
2.रोग-रात्रि 08:29:15 से 09:49:30 तक
3.काल-रात्रि 09:49:30 से 11:09:45 तक
4.लाभ-रात्रि 11:09:45 से 12:30:00 तक (काल वेला निषेध)
5.उद्वेग-रात्रि 12:30:00 से 01:50:15 तक
6.शुभ-रात्रि 01:50:15 से 03:10:30 तक
7.अमृत-रात्रि 03:10:30 से 04:30:45 तक
8.चंचल-रात्रि 04:30:45 से 05:51:00 तक
विशेष– अपरा एकादशी व्रत
अपरा एकादशी व्रत करने से प्रेत योनि एवं ब्रह्महत्या से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से अपार पुण्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथा के अनुसार अपरा एकादशी व्रत करने से न केवल भाग्योदय होता है बल्कि समस्त पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। आज के दिन भगवान विष्णु का विधिवत पूजन अवश्य करना चाहिए। आज ओउम् नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अति फलदायक माना जाता है। आज के दिन श्रद्धा पूर्वक एकादशी कथा का वाचन एवं श्रवण अवश्य करना चाहिए।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721