घर बैठे देखें पूनरासर मेले के विशेष फोटो
समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़ 22 सितंबर 2023। पूनरासर धाम से कृष्ण कुमार सारस्वत की विशेष रिपोर्ट
राजस्थान के बीकानेर जिले का प्रसिद्ध पूनरासर हनुमान जी महाराज का तीन दिवसीय मेला भाद्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को प्रारंभ हुआ ।पहले दिन हनुमान जी महाराज का मेला परवान पर रहा ।हजारों की संख्या में भक्तो ने बालाजी महाराज के चरणों में हाजरी लगाकर मन्नत मांगी तथा सुख समृद्धि की कामना की ।पुजारी परिवार द्वारा ध्वजारोहण के साथ ही तीन दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। हजारों की तादाद में पहुंचे भक्तों के जयकारों से पूनरासर धाम गूंज उठा।मेले में राजस्थान के कोने कोने तथा हरियाणा, उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र, गुजरात, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली, गुहाटी,आसाम, कोलकाता, चेन्नई सहित दूरदराज के राज्यों से यहां हजारों की तादाद में भक्तों ने पहुंचकर कतार में खड़े होकर बाबा बजरंगबली के दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना करते हुए धोक लगाई ।
खेजड़ी बालाजी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ – पूनरासर हनुमान जी महाराज के खेजड़ी धाम पर हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं ने हाजरी लगाते हुए मन्नत का धागा एवं नारियल बांधकर मनोकामना पूर्ण करने की अर्जी बजरंगबली के चरणों में लगाई ।तीन दिवसीय मेले के पावन अवसर पर मंदिर की रंग बिरंगी दूधिया रोशनी की विशेष सजावट की गई ।
धर्मशाला यात्रियों से भरी घरों में भी ठहराव लिया – मेले में दूर दराज से हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों से मंदिर परिसर के कमरों सहित जयराम धर्मशाला,श्री राम भवन खचाखच भरे हुए नजर आ रहे हैं।यहां तक कि गांव के घरों में भी यात्रियों ने ठहराव स्थल बना लिए हैं।ग्रामीण भी यात्रियों की आवभगत में जी जान से जुटे हुए हैं।
रामचरितमानस की चौपाइयों से गूंजा पूनरासर धाम – तीन दिवसीय मेले के अवसर पर मंदिर में रामचरितमानस एवं सुंदरकांड की अखंड चौपाइयों से पूनरासर धाम गूंज उठा । रामचरितमानस के अखंड पाठ शनिवार शाम तक लगातार चलते रहेंगे ।
बालाजी के चरणों में उमड़ पड़ा बिकाणा – छोटी काशी के नाम से विख्यात धर्म नगरी के नाम से प्रसिद्ध बीकानेर शहर बालाजी के चरणों में समर्पित होकर धोक लगाने के लिए उमड़ पड़ा।बीकानेर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पैदल वाहनों से पहुंचे ।पैदल यात्रियों के लिए कई संगठनों द्वारा सेवा शिविर लगाए गए।बीकानेर से लेकर पूनरासर धाम तक हर तरफ बाबा के भक्तों का रेला नजर आ रहा है।नोरंगदेसर से पूनरासर के बीच कच्चे रास्ते पर जगह जगह बाबा के भक्तों का सैलाब नाचते गाते हुए देखा जा रहा है।
मंगल ही मंगल – बीकानेर से लेकर पूनरासर तक हर जगह बाबा के भक्तों में मंगल ही मंगल नजर आ रहा है। कच्चा रास्ता हो या पक्का हर और बाबा के भक्तों से वातावरण हनुमानमय हो गया है। सेरूणा से लेकर पूनरासर तक सड़क पर श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आ रहा है।
अंजनी माता मंदिर में धोक लगाने के लिए लगा तांता – पूनरासर गांव के बाहर सेरूणा की तरफ बने अंजनी माता मंदिर में भी श्रद्धालुओं का सैलाब नजर आ रहा है ।अंजनी माता मंदिर में पूजा अर्चना के साथ साथ श्रद्धालुओं द्वारा सुंदरकांड के पाठ किए जा रहे हैं।
व्यवस्था बनाने में मुस्तैद पुलिस – मेले में व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है। यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नही करना पड़े जिसके लिए यहां सेरूणा थाना अधिकारी इंद्रलाल शर्मा सहित जिलास्तरीय अधिकारी तथा पुलिस के करीब 400 जवान यहां तैनात किए गए हैं। पुलिस अधिकारी मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बारीकी से नजर गड़ाए हुए सीसीटीवी कैमरों के साथ हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई असुविधा का सामना न करना पड़े।बीकानेर से लेकर पूनरासर तक पुलिस के जवान मुस्तैदी के साथ जुटे हुए नजर आ रहे हैं।
कोई पैदल तो कोई दंडवत पहुंचा धाम – बाबा बजरंगबली के दरबार में हाजरी लगाने के लिए बाबा के भक्त डीजे पर बज रहे बाबा बजरंगबली के भजनों पर झूमते नाचते हुए पहुंचने वाले पैदल यात्री संघों की धूम मची रही ।बाबा का कोई भक्त पैदल पहुंचा तो कई दंडवत करते हुए पहुंच कर बाबा से आशीर्वाद प्राप्त किया। हर तरफ बाबा के जयकारों से वातावरण भक्ति रस में हिलोरे मारता हुआ नजर आया।शनिवार को बाबा बजरंगबली का विशेष श्रृंगार किया जाएगा तथा पूजा अर्चना एवं अखंड ज्योत प्रज्वलित की जायेगी।शनिवार शाम को इस तीन दिवसीय मेले का समापन होगा ।
समाचार-गढ़ श्रीडूंगरगढ़ 22 सितंबर 2023, गौरीशंकर तावनिया। समीपवर्ती सातलेरा गांव में रोही स्थित श्री प्रकाश भोमिया जी महाराज के मंदिर पर सप्तमी तिथि को स्थापना दिवस पर सैकड़ो की तादाद में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर धोक लगाई तथा भोमिया जी से सुख समृद्धि की कामना की। शुक्रवार को यहां गायत्री पाठ की पूर्णाहुति के साथ ही हवन किया गया। श्रद्धालुओं को महाप्रसाद का वितरण किया गया।