समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ के सांगीतिक परिवार शिवलालजी कत्थक के सुपुत्र किशन कत्थक ने खैरागढ़-छत्तीसगढ़ के इन्दिरा कला संगीत विश्व विद्यालय के सोलहवें दीक्षांत समारोह में 27 अप्रैल 2022 को एम ए सितार परीक्षा 2020 के परीक्षा परिणाम में अव्वल रहकर तीन स्वर्ण पदक 1- खेमराज दूलीचंद जैन स्वर्ण पदक, 2- उस्ताद मुस्ताक अलीखान स्वर्ण पदक तथा 3- ध्रुवनारायण अग्रवाल स्मृति स्वर्ण पदक प्राप्त कर न केवल श्रीडूंगरगढ़ बल्कि समूचे राजस्थान का नाम रोशन किया है।
देव विद्यालय, सीकर में संगीत अध्यापक के रूप में कार्यरत किशन कत्थक सेनिया घराने के चन्द्र मोहन भट्ट के शिष्य हैं। सितार में स्वर्ण पदक प्राप्त करनेवाले किशन राजस्थान के प्रथम व्यक्ति हैं। खैरागढ़ विश्व विद्यालय देश का प्रथम विश्व विद्यालय है, जहां संगीत की सभी विधाएं पढ़ाई जाती है।
1जुलाई 1991 को श्रीडूंगरगढ़ में जन्मे किशन को शुरू से तंतु वाद्य के रूप में सितार बजाने में बेहद रुचि रही है, वैसे भी सितार भारत का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र है।
किशन अपनी प्रस्तुतियां अनेक बड़े समारोह में दे चुका है। वृन्दावन के हरिदास महाराज समारोह, उदयपुर का महाराणा कुंभा संगीत समारोह, संगीत नाटक अकादमी के अनेक समारोह, आदि में उसकी प्रस्तुतियां सराहनीय रही हैं। किशन को राॅयल राजस्थान सम्मान भी प्राप्त है। एक विदेशी फिल्म में भी उसने सितार बजाया है।
किशन के आदर्श भारत के प्रसिद्ध सितारवादक रवि शंकर हैं। किशन की विशेषता यह है कि वह गायन, वादन, नृत्य तथा एकल आदि सभी रूपों में सितार बजा सकता है। वह एक चीज में बंधकर नहीं रहना चाहता।
प्रति दिन दो तीन घंटे रियाज करनेवाले किशन का मानना है कि सितार वह विधा है जो आपको अपने में रमण किए रखती है। किशन अब सितार विषय में पीएचडी करने का मन रखता है। किशन को गोल्ड मेडल छतीसगढ के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने तथा तीनों प्रशस्ति पत्र वहां की राज्यपाल अनुसुइया उइटे ने प्रदान किए। प्रसिद्ध गायिका कविता कृष्ण मूर्ति ने मंच पर आशीर्वाद प्रदान किया।
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