दिनांक 12-10-2022 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 12 /10 /2022
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – हेमंत
* अयन- दक्षिणायण
* मास – कार्तिक
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- तृतीया 25:55
* वार- बुधवार
* नक्षत्र – भरणी 17:05
* योग-1.वज्र 14:14:12 उपरांत सिद्धि
* करण-1.वणिज 12:50 2.विष्टि 19:05 उपरांत 3.बव
* चंद्र राशि – मेष रात्रि 11:24 उपरांत वृषभ
*चंद्र बल -मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मीन रात्रि 11:24 उपरांत मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन ।
सम्वत् नाम – शुभकृत. सूर्योदय- 06:35A.M. सूर्यास्त- 06:06 P.M.
दिनमान – 11:31
रात्रिमान – 12:29 *शुभ समय*
अभिजित मुहूर्त मान्य नहीं
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 07:30 से 9:00 बजे तक राहुकाल- दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कुलिक रात्रि 01:55 बजे से आरंभ
कालवेला या अर्द्धयाम 1. प्रातः 09:27:45 से 10:54:07 बजे तक
2. रात्रि 03:29:15 से 05:03:07 बजे तक
गुलिक काल -प्रात:10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा में विशेष वर्जित एवं यथासंभव सभी दिशाओं की यात्रा टालें
चौघड़िया ( दिन)
1.लाभ-प्रात:06:35 से 08:01:22 तक
2.अमृत-प्रात:08:01:22 से 09:27:45 तक
3.काल-प्रात: 09:27:45से 10:54:07 तक(काल वेला निषेध)
4.शुभ-प्रात: 10:54:07 से 12:20:30 तक
5.रोग- दोपहर 12:20:30 से 01:46:52 तक (वारवेला निषेध)
6.उद्वेग-दोपहर 01:46:52 से 03:13:15 तक
7.चंचल-सायं 03:13:15 से 04:39:37तक
8.लाभ-सायं 04:39:37 से 06:06:00 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.उद्वेग- रात्रि 06:06:00 से 07:39:52 तक
2.शुभ-रात्रि 07:39:52 से 09:13:45तक
3.अमृत-रात्रि 09:13:45 से 10:47:37 तक
4.चंचल-रात्रि 10:47:37 से 12:21:30 तक
5.रोग-रात्रि 12:21:30 से 01:55:22 तक
6.काल-रात्रि 01:55:22 से 03:29:15 तक
7.लाभ-रात्रि 03:29:15 से 05:03:07 तक(काल वेला निषेध )
8.उद्वेग-रात्रि 05:03:07 से 06:34 तक
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721