दिनांक 03 -12-2022 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 03 /12/2022
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – हेमंत
* अयन- दक्षिणायण
* मास – मार्गशीर्ष
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- एकादशी रात्रि 29:30 उपरांत द्वादशी
* वार- शनिवार
* नक्षत्र – रेवती रात्रि 30:11 बजे उपरांत अश्विनी
* योग- व्यतिपात रात्रि 28:29:12 उपरांत वरियान
* करण- 1 वणिज – 17:33:12 2 विष्टि (भद्रा)- 29:30:42 3 बव
* चंद्र राशि – मीन रात्रि 30:11 उपरांत मेष
चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन रात्रि 30:11बजे उपरांत मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 07:10 A.M. सूर्यास्त – 05:37 P.M.
दिनमान – 10:27
रात्रिमान – 13:33 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -11:59:30 बजे से 12:47:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 07:10 से 08:28:22 बजे तक 2. सायं 04:18:37 से 05:37:00 बजे तक
3.रात्रि 05:37:00 से 07:18:37 तक
4.रात्रि 05:28:22 से 07:10 तक
गुलिक काल – प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.काल- प्रातः 07:10 से 08:28:22 तक(कालवेला निषेध)
2.शुभ-प्रातः 08:28:22 से 09:46:45 तक
3.रोग-प्रातः 09:46:45 से 11:05:07 तक
4.उद्वेग-प्रातः 11:05:07 से 12:23:30 तक
5.चंचल-दोपहर 12:23:30 से 01:41;52 तक
6.लाभ-दोपहर 01:41;52 से 03:00:15 तक ( वार वेला निषेध)
7.अमृत-सायं 03:00:15 से 04:18:37 तक
8.काल- सायं 04:18:37 से 05:37 तक (कालवेला निषेध)
चौघड़िया ( रात्रि)
1.लाभ- रात्रि 05:37 से 07:18:37 तक (कालवेला निषेध)
2.उद्वेग-रात्रि 07:18:37 से 09:00:15 तक
3.शुभ-रात्रि 09:00:15 से 10:41:52 तक
4.अमृत-रात्रि 10:41:52 से 12:23:30 तक
5.चंचल-रात्रि 12:23:30 से 02:05:07 तक
6.रोग-रात्रि 02:05:07 से 03:46:45 तक
7.काल-रात्रि 03:46:45 से 05:28:22 तक
8.लाभ-रात्रि 05:28:22 से 07:10 तक (कालवेला निषेध)
विशेष- मोक्षदा एकादशी व्रत (स्मार्त)
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721