
दिनांक 23- 11-2022 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 23/ 11 /2022
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – हेमंत
* अयन- दक्षिणायण
* मास – मार्गशीर्ष
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- अमावस्या रात्रि 28:22 बजे उपरांत प्रतिपदा
* वार- बुधवार
* नक्षत्र – विशाखा रात्रि 21:32 बजे उपरांत अनुराधा
* योग- शोभन सायं 15:34 बजे उपरांत अतिगंड
* करण- 1. चतुष्पद – सायं 17:36:24 2 नाग – रात्रि 28:22:54 बजे उपरांत 3 किंस्तुघ्न
* चंद्र राशि – तुला सायं 03:59 बजे उपरांत वृश्चिक
चंद्र बल – मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, कुंभ, सायं 03:59 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 07:02 A.M. सूर्यास्त – 05:38 P.M.
दिनमान – 10:36
रात्रिमान – 13:24 *अशुभ समय* यमगण्ड - प्रातः 7:30 से 9:00 तक राहुकाल- दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम 1. प्रातः 9:41:00 से 11:00:30 बजे तक
- रात्रि 3:41:00 से 5:21:30 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा में यात्रा विशेष वर्जित एवं यथासंभव सभी दिशाओं की यात्राओं को टालें
चौघड़िया ( दिन)
1.लाभ- प्रातः 07:02:00 से 08:21:30 तक
2.अमृत-प्रातः 08:21:30 से 09:41:00 तक
3.काल-प्रातः 09:41:00 से 11:00:30 तक (कालवेला निषेध)
4.शुभ-प्रातः 11:00:30 से 12:20:00 तक
5.रोग- दोपहर 12:20:00 से 01:39:30 तक(वारवेला निषेध)
6.उद्वेग-दोपहर 01:39:30 से 02:59:00 तक
7.चंचल- सायं 02:59:00 से 04:18:30 तक
8.लाभ-सायं 04:18:30 से 05:38 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.उद्वेग-रात्रि 05:38:00 से 07:18:30 तक
2.शुभ-रात्रि 07:18:30 से 08:59:00 तक
3.अमृत-रात्रि 08:59:00 से 10:39:30 तक
4.चंचल-रात्रि 10:39:30 से 12:20:00 तक
5.रोग-रात्रि 12:20:00 से 02:00:30 तक
6.काल-रात्रि 02:00:30 से 03:41:00 तक
7.लाभ-रात्रि 03:41:00 से 05:21:30 तक(कालवेला निषेध)
8.उद्वेग-रात्रि 05:21:30 से 07:02 तक
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721