समाचार गढ़, 30 अगस्त 2025। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के किसानों पर दमनात्मक रूप से खेतों में जाकर जबरन बिजली विभाग के अधिकारियों द्वारा ट्रांसफार्मर उतारा जाना बिजली विभाग की मनमानी है । युवा लीडर डॉ विवेक माचरा ने भाजपा सरकार और बिजली विभाग की किसान विरोधी नीति का विरोध करते हुए कहा है कि किसान फसल तैयार होते ही सबसे पहले बिजली के बिल भरता है लेकिन इस समय जब फसल तैयार हो रही है, बिजली विभाग के अधिकारी किसान को अपमानित करने के लिए जबरन वसूली और भ्रष्टाचार का मार्ग बनाने के लिए ग़ैर क़ानूनी रूप से ट्रांसफार्मर उतार रहे हैं, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा डॉ विवेक माचरा में स्थानीय विधायक ताराचंद सारस्वत को याद दिलाते हुए कहा कि विधायक कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं और बिजली विभाग को आगे करके विधायक और भाजपा अपनी किसान विरोधी नीतियों को पूरा करने के कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा
डॉ विवेक माचरा ने बिजली विभाग के जिला स्तरीय उच्च अधिकारियों से वार्ता करके इस प्रकार की ग़ैर क़ानूनी कार्यवाही कर रहे अधिकारियों को निलम्बित करने की माँग की है क्योंकि राज्य सरकार और बिजली विभाग द्वारा किसान को बिल भुगतान करने का जो समय और राहत दी जानी होती है उन सब नियमों की ये अधिकारी अवहेलना कर रहे हैं । डॉ विवेक माचरा ने बिजली विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 356 के तहत बिजली विभाग का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी किसान का / उपभोक्ता का कनेक्शन नहीं काट सकता है। अगर कोई अधिकारी और कर्मचारी इस का उल्लंघन करता है बिना पूर्व पंद्रह कार्यदिवस का रजिस्टर्ड नोटिस के कनेक्शन काटता है तो उसका निलंबन और विभागीय कार्यवाही तय है। 30 मार्च 2014 का माननीय न्यायालय जोधपुर का उपभोक्ता का कनेक्शन काटने और बिना पंद्रह दिन पूर्व नोटिस जारी किए कार्यवाही करने वाले अधिकारी आज भी अपनी बहाली के लिए न्यायालय के चक्कर लगा रहे हैं










