
समाचार गढ़, 14 फरवरी, श्रीडूंगरगढ़। जैन श्वेतांबर तेरापंथ संप्रदाय के आचार्य महाश्रमण की विदुषी शिष्याएं साध्वी संगीतश्री व डॉ. साध्वी परमप्रभा आगामी चाकरी के लिए श्रीडूंगरगढ़ पहुंचीं। उनके आगमन पर श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल सहित जैन समाज के श्रद्धालुओं ने स्वागत यात्रा निकालकर नगर को धर्ममय बना दिया।
सुबह 9:25 बजे साध्वी संगीतश्री व साध्वी परमप्रभा ने साध्वी सेवा केंद्र, मालू भवन में प्रवेश किया, जहां सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी शासनश्री कुंथुश्री सहित अन्य साध्वियों ने मंगल गीतिका के साथ भावभीना स्वागत किया। साध्वियों के आगमन से सेवा केंद्र में हर्षोल्लास का माहौल रहा।
सेवा व्यवस्था और चाकरी की प्रासंगिकता
तेरापंथ संप्रदाय में वृद्ध साधु-साध्वियों की सेवा को विशिष्ट स्थान प्राप्त है। धर्मसंघ में विशेष चाकरी व्यवस्था के अंतर्गत उनकी सेवा सुश्रुषा की जाती है। इस अवसर पर साध्वी ललिताश्री ने सेवा व्यवस्था के महत्व पर विचार व्यक्त किए, जबकि साध्वी संघप्रभा, साध्वी संगीतश्री व डॉ. साध्वी परमप्रभा ने भावाभिव्यक्ति दी।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में तेरापंथ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने सेवा व्यवस्था और भामाशाह भीखमचंद पुगलिया के योगदान पर प्रकाश डाला। सभा अध्यक्ष सुशीला पुगलिया, निवर्तमान अध्यक्ष विजयराज सेठिया, तेयुप अध्यक्ष मनीष नौलखा, महिला मंडल की ओर से मगनश्री सेठिया, अणुव्रत समिति के सत्यनारायण स्वामी व कन्या मंडल की साक्षी दुगड़ ने भी अपने विचार रखे।
सम्मान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
तेरापंथ महिला मंडल ने सामूहिक गीतिका प्रस्तुत की। साध्वी संगीतश्री के श्रीडूंगरगढ़ से पारिवारिक संबंध होने के कारण मनोज दुगड़, जलगांव ने विशेष स्वागत वक्तव्य दिया। महासभा अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया को सभा उपाध्यक्ष दीपमाला डागा, कोषाध्यक्ष तोलाराम पुगलिया, संगठन मंत्री संजय बड़ड़िया व अन्य गणमान्यजनों ने साहित्य भेंटकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर तुलसी सेवा संस्थान के प्रशासक सूर्यप्रकाश गांधी, कस्बे की प्रथम महिला जज महिमा दुगड़, न्यायालय की आंतरिक शिकायत समिति सदस्य अंजू मनोज पारख सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। मंचासीन अतिथियों में रिद्धकरण लूणिया, मदनलाल मालू, प्रदीप पुगलिया सहित कई वरिष्ठ श्रावक शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन राजू हिरावत ने किया।