समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। 1 मई 2022 को नवी मुंबई के वाशी में ऑडिटोरियम में होने वाले विश्व सारस्वत सम्मेलन दुनिया भर के अलग अलग क्षेत्रों से अपने अपने क्षेत्र में कार्यकुशलता रखने वाले प्रमुख लोग अपनी बात को रखेंगे, बता दे कि इस सम्मेलन में सभी क्षेत्रों से सारस्वत बंधु अपने समाज और राष्ट्र विकास के लिए अपनी बात रखेंगे, एक दिवसीय राष्ट्रीय समागम में आयोजन सुबह 9 बजे से शुरू होगा जिसमे प्रमुख वक्ता के रूप में एंग्री आर्मी मैन के नाम से मशहूर मेजर जनरल जीडी बख्शी अपनी बात सारस्वत सभ्यता पर रखेंगे, उसके बाद प्रसिद्ध लेखिका श्रीमती सैफाली वैद्या सामाजिक इतिहास पर अपनी बात को रखेगी, हिंदुस्तान की सबसे पुरानी सारस्वत सभ्यता पर अपनी बात रखेंगे वर्तमान में यूपी सरकार में पीडब्ल्यूडी के मुख्य सचिव व 1988 बैच के आईएएस नितीन रमेश गोकर्ण, सारस्वत परंपरा, रिवाज पर अपनी बात रखेंगे गोवा के प्रसिद्ध व्यवसाई श्रीनिवास डेम्पो, सभ्यता और आधुनिकता पर अपनी बात रखेंगे सारस्वत कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन गौतम ठाकुर, कश्मीरी पंडित पर अपनी बात को डॉ कुलदीप अग्निशेखर रखेंगे, भारतीय संस्कृति पर सुरेंद्र नाथ भट अपनी बात रखेंगे, सामाजिक सुरक्षा व सामाजिक व्यक्ति खुद को सुरक्षित महसूस करे इस पर अपनी बात को मजबूती से रखेंगे प्रसार भारती के राष्ट्रीय मुद्दों पर समीक्षक व दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य, लेखक, विश्व सारस्वत फैडरेशन के राजस्थान समन्वयक, सम्पत सारस्वत बामनवाली, बीकानेर राजस्थान में जन्में सारस्वत अपने क्षेत्र के नौजवानों की पीड़ा को सबके सामने राष्ट्रीय पटल पर रखेंगे जिससे आगे भविष्य में गुरु परंपरा व मठ व्यवस्था को पुनर्स्थापित किया जा सके, जिसमे सामाजिक सुरक्षा आज के समय का सबसे मुख्य मुद्दा होगा ।
पूरे दिन चलने वाले इस प्रोग्राम में राजस्थान से करीबन 45 सामाजिक वरिष्ठ प्रबुद्धजन सदस्यों का दल इस समागम में शामिल होगा, आयोजकों के प्रतिनिधि पूनमचंद सारस्वत ने बताया कि बीकानेर से 45 लोगो का दल रेलमार्ग से मुंबई पहुंचेगा तथा अगले दिन सूरत गुजरात होते हुए बीकानेर की और प्रस्थान करेगा। हरिदत्त सारस्वत ने बताया कि बीकानेर से सारस्वत ब्राह्मण समाज के हर वर्ग से कुशल व जानकार व्यक्ति को प्रतिनिधि के रूप में शामिल किया है ताकि इस आयोजन के बाद सामाजिक मजबूती पर कार्य किया जा सके। बनवारी सारस्वत ने बताया कि तीन दिवसीय यात्रा में सामाजिक सरोकार को अच्छे से पेश करके एक नई मिशाल कायम की जायेगी। यात्रा का पूरा प्रबंधन एससीएल फाउंडेशन भारत द्वारा किया जायेगा।