
समाचार गढ़ 15 अप्रैल 2025 कोलकाता। सोमवार सायंकाल हिन्दुस्तान क्लब के प्रांगण में अनेक विशिष्ट जनों की उपस्थिति में सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रीडूंगरगढ़ शहर के प्रथम चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमेरमल डागा का 90वां जन्म दिवस उल्लासपूर्वक मनाया गया।
बिग्गा गांव से शुरू हुई यात्रा
श्री डागा का जन्म 14 अप्रैल 1935 को श्रीडूंगरगढ़ तहसील के बिग्गा गांव में हुआ था। इस उम्र में भी उनकी सक्रियता में कोई खास फर्क नहीं आया है। वे आज भी अपनी चार्टर्ड कंपनी में ऑडिट करते और क्लाइंट्स के मामले सुलझाते नजर आते हैं।
ऐतिहासिक हवेली और शिक्षा की शुरुआत
श्रीडूंगरगढ़ के बाजार से सटी उनकी पुश्तैनी हवेली कभी “तहसीलदार वाली हवेली” के नाम से जानी जाती थी। इस हवेली का निर्माण चतुर्भुज डागा ने श्रीडूंगरगढ़ बसते ही करवाया था। सुमेरमल जी के पिताजी अरजुनदास डागा पूर्वी पाकिस्तान में व्यवसाय करते थे। सुमेर जी बिग्गा में पांचवीं तक की पढ़ाई के बाद इस हवेली में आकर रहने लगे और श्रीडूंगरगढ़ की हाईस्कूल से दसवीं तक पढ़ाई की।


श्रीडूंगरगढ़ के पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट
बारहवीं से लेकर बीकॉम, एलएलबी और फिर सीए की पढ़ाई उन्होंने कोलकाता में की और 1959 में श्रीडूंगरगढ़ के प्रथम चार्टर्ड अकाउंटेंट बने। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय में उनका सार्वजनिक सम्मान भी किया गया।
संस्थागत योगदान और सामाजिक सक्रियता
सुमेरमल डागा तुलसी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष रहे और लगातार 12 वर्षों तक इस दायित्व का निर्वहन किया। वे गोपाल गोशाला के ट्रस्ट निर्माता भी हैं। आचार्य श्री महाप्रज्ञ ने उन्हें “कल्याण मित्र” की उपाधि दी। कोलकाता और श्रीडूंगरगढ़ की अनेक संस्थाओं में उनकी सक्रिय भागीदारी रही है।
सम्मान और सराहना
समारोह में उनके जीवन और कार्यों पर टीएसएस अध्यक्ष भीखमचंद पुगलिया ने कहा कि डागा जी जैसे कर्मठ व्यक्तित्व के मार्गदर्शन से संस्थान सेवा कार्यों में सफल हो पाया है। उद्योगपति लक्ष्मीनारायण सोमानी ने उन्हें सच्चा गौभक्त बताया और कहा कि गोशाला को उनकी सूझबूझ से काफी लाभ हुआ है।
इस अवसर पर सुशीला पुगलिया, डॉ. चेतन स्वामी, धर्मचंद धाड़ेवा और बिंदु डागा सहित कई गणमान्यजन मौजूद रहे और वयोवृद्ध डागा जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।