समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। पंचायतीराज चुनाव 2026 से पहले राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गांव की सरकार में शामिल होने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता तय कर दी है, जिसके तहत वार्ड पंच के लिए 10वीं और सरपंच के लिए 12वीं पास होना अनिवार्य होगा। सरकार का कहना है कि डिजिटल रिकॉर्ड, डीबीटी, ई-गवर्नेंस और स्मार्ट गांव जैसी व्यवस्थाओं को प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए शिक्षित जनप्रतिनिधि आवश्यक हैं। पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों का मानना है कि नई व्यवस्था से विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी, पारदर्शिता और निर्णय लेने की प्रक्रिया में मजबूती आएगी। इस बीच भाजपा देहात ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष विनोद गिरी गुसाईं ने कहा कि जब जनप्रतिनिधि पढ़े-लिखे होंगे तो गांव का विकास तेज होगा, सरकारी अधिकारियों से पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करवा पाएंगे और आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा का महत्व भी समझा सकेंगे। हालांकि कुछ दलों और सामाजिक संगठनों ने सवाल उठाए हैं कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं, बुजुर्गों और कम पढ़े-लिखे लोगों की भागीदारी प्रभावित हो सकती है। सरकार का तर्क है कि यह कदम शिक्षा को बढ़ावा देगा और पंचायतों को आधुनिक एवं सक्षम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।











