
समाचार गढ़, 30 मई 2025, श्रीडूंगरगढ़। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया था कि बीकानेर जिले में तेज आंधी के साथ बारिश हो सकती है। अब उस चेतावनी के अनुसार श्रीडूंगरगढ़ में चंद मिनटों के लिए तेज हवा के साथ हल्की बूंदाबांदी हुई भी, लेकिन यह बारिश नहीं, पालिका प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की असलियत धोकर सामने ले आई।

जैसे ही आसमान से कुछ बूंदें गिरीं, वैसे ही कस्बे की सड़कों ने समंदर का रूप ले लिया। मुख्य बाजार में, हर कोना पानी-पानी हो गया। चेंबर और नालों का गंदा पानी सड़क पर फैल गया और नागरिक उसी में पैर रखकर अपने जरूरी कामों के लिए निकलने को मजबूर हो गए। सवाल ये है कि अगर ये सिर्फ हल्की बूंदाबांदी थी, तो ज़रा सोचिए ज़ोरदार बारिश में क्या हाल होगा?

जहां नागरिक गंदे पानी से होकर गुज़र रहे हैं, वहीं नेता आगामी चुनावी रणनीति में व्यस्त हैं और प्रशासन अपनी फाइलों में ‘संतोषजनक व्यवस्थाओं’ की चिट्ठियां संजो रहा है। जनता की ज़ुबान पर एक ही सवाल है—
“यह जो विकास दिखता है, क्या वाकई ज़मीन पर है या सिर्फ काग़ज़ों में?”

नगरपालिका के अधिकारी से लेकर राजनीतिक नुमाइंदे तक सब मौन हैं। जनता ये भी कह रही है कि
“जब वोट मांगने आते हैं तो हर गली में आकर वादों की बारिश कर देते हैं, लेकिन जब बूंदाबांदी होती है तो वही गली दरिया बन जाती है।”
क्या प्रशासन सिर्फ बरसात के बाद चूने के छिड़काव और फोटो सेशन तक सीमित रहेगा?
क्या कस्बे में जलनिकासी की स्थायी व्यवस्था कभी होगी?
या फिर हर बार की तरह “नोट कर लिया गया है, जल्द समाधान होगा” वाली स्क्रिप्ट दोहराई जाएगी?