Nature

अलसी खाने के है कई फायदे, नींद न आने से लेकर घुटनो के दर्द में भी है इसका उपयोग

Nature

आपने अलसी (flax seeds) का रोज घर में प्रयोग करते होंगे। कई घरेलू व्यंजनों में अलसी का इस्तेमाल किया जाता है। वैसे तो असली के बीज बहुत ही छोटे-छोटे होते हैं, लेकिन इसमें इतने सारे गुण होते हैं, जिसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते। क्या आपको यह जानकारी है कि जिस अलसी के बीज को आप सभी केवल खाद्य पदार्थ के रूप में इस्तेमाल में लाते हैं, उससे रोगों का इलाज भी किया जा सकता है? जी हां, अलसी के फायदे और भी हैं।
आप अलसी का उपयोग कर, अनेक रोगों की रोकथाम कर सकते हैं, अपने परिवार को स्वस्थ बना सकते हैं। यहां आपको अलसी के फायदे, अलसी का उपयोग, अलसी के गुण की पूरी जानकारी मिलेगी।
अलसी क्या है?
अलसी का दूसरा नाम तीसी है। यह एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। स्थानों की प्रकृति के अनुसार, तीसी के बीजों के रंग-रूप, और आकार में भी अंतर पाया जाता है। देश भर में तीसी के बीज सफेद, पीले, लाल, या थोड़े काले रंग के होते हैं। गर्म प्रदेशों की तीसी सबसे अच्छी मानी जाती है। आमतौर पर लोग तीसी के बीज, तेल को उपयोग में लाते हैं। तीसी के प्रयोग से सांस, गला, कंठ, कफ, पाचनतंत्र विकार सहित घाव, कुष्ठ आदि रोगों में लाभ लिया जा सकता है।
अलसी खाने के फायदे
अलसी या तीसी का औषधीय प्रयोग इस तरह से किया जा सकता हैः-

1.नींद ना आने की बीमारी में अलसी का प्रयोग
नींद ना आने की बीमारी में अलसी का सेवन फायदेमंद होता है। इसके लिए अलसी, तथा एरंड तेल को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर, कांसे की थाली में अच्छे से पीस लें। इसे आंखों में काजल की तरह लगाने से नींद अच्छी आती है।

2.अलसी के फायदे आंखों के रोग में
अलसी के गुण आँख संबंधी बीमारियों में बहुत फायदेमंद होता है। आंखों की बीमारी, जैसे- आंख आना, आंखों की लालिमा खत्म होने आदि को ठीक करने के लिए अलसी के बीजों को पानी में फूला लें। इस पानी को आंखों में डालें। इससे आंख आने की परेशानी में फायदा होता है।

3.अलसी के इस्तेमाल से दर्द और सूजन में लाभ
तीसी के इस्तेमाल से दर्द, और सूजन में भी बहुत फायदा होता है। इसमें अलसी से बनाई हुई गीली दवा बहुत काम करती है। एक भाग कुटी हुई अलसी को, 4 भाग उबलते हुए पानी में डालकर धीरे-धीरे मिलाएं। यह गीली होनी चाहिए, लेकिन बहुत गाढ़ा नहीं होना चाहिए। इसे दर्द, या सूजन वाले अंग पर तेल की तरह चुपड़ कर लगाएं। इसके प्रयोग से सूजन, और दर्द दूर होती है।

4.अलसी के फायदे : कान की सूजन को ठीक करने में
कान की सूजन को ठीक करने के लिए अलसी के गुण उपचार स्वरुप बहुत काम आते हैं। इसके लिए अलसी को प्याज के रस में पकाकर, छान लें। इसे 1-2 बूंद कान में डालें। इससे कान की सूजन ठीक हो जाती है।

5.अलसी के फायदे सिर दर्द में
क्या आजकल सिरदर्द की समस्या से सबसे ज्यादा परेशान रहने लगे हैं? तो एक आसान घरेलू उपाय से इस समस्या से निजात पा सकते हैं। सिरदर्द से आराम पाने के लिए अलसी का सही तरह से प्रयोग करने पर अलसी के लाभ पूरी तरह से मिल सकता है। इसके लिए अलसी के बीजों को ठंडे पानी में पीसकर लेप करें। इससे सूजन के कारण होने वाले सिर दर्द, या अन्य तरह के सिर दर्द, या फिर सिर के घावों में फायदा मिलता है।

6.जुकाम से राहत पाने के लिए अलसी का सेवन
जुकाम से परेशान हैं, तो तीसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। महीन पिसी अलसी को साफ कर धीमी आंच से तवे पर भून लें। जब यह अच्छी तरह भून जाय, और गंध आने लगे, तब पीस लें। इसमें बराबर मात्रा में मिश्री मिला लें। अलसी खाने का तरीका यह है कि आप इसे 5 ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ, सुबह और शाम सेवन करें। इससे जुकाम में लाभ होता है।
अलसी के फायदे खांसी और दमा में
मौसम के बदलाव के समय खांसी और दमे से अगर बार-बार परेशान रहते हैं तो इसका सही तरह से प्रयोग कर अलसी के लाभ से पूरा फायदा उठा सकते हैं।

7.अलसी के बीज खाने के फायदे खांसी और दमा रोग में भी मिलते हैं। अलसी के बीजों से काढ़ा बना लें। इसे सुबह और शाम पीने से खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है। ठंड के दिनों में मधु, तथा गर्मी में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए।
इसी तरह 3 ग्राम अलसी के चूर्ण को, 250 मिली उबले हुए पानी में डालें। इसे 1 घण्टे तक छोड़ दें। इसमें थोड़ी चीनी मिलाकर सेवन करें। इससे सूखी खांसी तथा अस्थमा में लाभ होता है।
इसके अलावा, 5 ग्राम अलसी के बीजों को 50 मिली पानी में भिगोकर रखें। 12 घंटे बाद छानकर पानी को पी लें। सुबह भिगोआ हुआ पानी शाम को, और शाम को भिगोया हुआ पानी सुबह को पिएं। इस पानी के सेवन से खांसी, और दमा में फायदा होता है। इस दौरान ऐसा कुछ नहीं खाना, या पीना चाहिए, जो बीमारी को बढ़ाने वाला हो।
आप खांसी, या दमा के इलाज के लिए 5 ग्राम अलसी के बीजों को कूटकर छान लें। इसे जल में उबाल लें। इसमें 20 ग्राम मिश्री मिला लें। यदि ठंड का मौसम हो तो मिश्री के स्थान पर शहद मिलाएं। इसे सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी, और अस्थमा में लाभ होता है।
आप खांसी, और दमा के उपचार के लिए यह तरीका भी आजमा सकते हैं। 3 ग्राम अलसी के बीजों को मोटा कूट लें। इसे 250 मिली उबलते हुए पानी में भिगो दें। इसे एक घंटा ढक कर रख दें। इसे छानकर, थोड़ी चीनी मिला लें। इसका सेवन करने से भी सूखी खांसी, और दमा की बीमारी ठीक हो जाती है।
इसके अलावा, अलसी के बीजों (alsi ke beej) को भूनकर शहद, या मिश्री के साथ चाटें। इससे खांसी, और दमा का इलाज होता है।
अलसी के औषधीय गुण से खांसी को ठीक किया जा सकता है। आप तीसी के भूने बीज से 2-3 ग्राम चूर्ण बना लें। इसमें मधु, या मिश्री मिलाकर सुबह और शाम सेवन करें। इससे खांसी ठीक हो जाती है।

8.वात-कफ दोष में अलसी के फायदे
अलसी के औषधीय गुण का फायदा वात-कफ विकार में भी ले सकते हैंं। 50 ग्राम भूनी अलसी के चूर्ण में बराबर-बराबर मात्रा में मिश्री, और एक चौथाई भाग मरिच मिला लें। इसे 3-5 ग्राम की मात्रा में सुबह, मधु के साथ सेवन करने से वात-कफ दोष विकार ठीक होते हैं।

9.थायराइड में अलसी का उपयोग लाभदायक
आप थायराइड का उपचार करने के लिए भी अलसी का प्रयोग कर सकते हैं। अलसी के लाभ का पूरा फायदा उठाने के लिए बराबर-बराबर मात्रा में अलसी के बीज, शमी, सरसों, सहिजन के बीज, जपा के फूल, तथा मूली की बीज को छाछ से पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को गले की गांठों आदि पर लेप करने से थायराइड में लाभ होता है।

10.घाव सुखाने के लिए अलसी का उपयोग फायदेमंद
अलसी के चूर्ण को दूध, और पानी में मिला लें। इसमें थोड़ी हल्दी का चूर्ण डालकर खूब पका लें। यह गाढ़ा हो जाएगा। इस गर्म गाढ़े औषधि को आप जहां तक सहन कर सकें, गर्म-गर्म ही गांठ पर लेप करें। ऊपर से पान का पत्ता रख कर बांध दें। इस प्रकार कुल 7 बार बांधने से घाव पककर फूट जाता है। घाव की जलन, टीस, पीड़ा आदि दूर होती है। बड़े-बड़े फोड़े भी इस उपाय से पककर फूट जाते हैं। यह लाभ कई दिनों तक लगातार बांधने से होता है।
इसी तरह अलसी को पानी में पीसकर, उसमें थोड़ा जौ का सत्तू, तथा खट्टी दही मिला लें। इसे फोड़े पर लेप करने से भी फोड़ा पक जाता है।

11.वात रोग के कारण होने वाले फोड़े में अगर जलन, और दर्द हो रहा हो, तो तिल और तीसीको भून लें। इसे गाय के दूध में उबाल लें। ठंडा होने पर इसी दूध में पीसकर फोड़े पर लेप करें। इससे लाभ होता है।
पके फोड़े के दर्द को ठीक करने के लिए यह उपाय भी कर सकते हैं। बराबर-बराबर मात्रा में अलसी, गुग्गुल, थूहर का दूध लें। इसके साथ ही मुर्गा, तथा कबूतर की बीट, पलाशक्षार, स्वर्णक्षीरी, तथा मुकूलक का पेस्ट लें। इनका लेप घाव पर करें। इससे घाव ठीक हो जाता है।
और पढ़ें: गुग्गुल के फायदे

घाव को पकाने के लिए तिल की बीज, अलसी की बीज, खट्टा दही, सुराबीज, कूठ, तथा सेंधा नमक को पीसकर चूर्ण चूर्ण बना लें। इसे घाव पर लेप करने से घाव ठीक हो जाता है।
और पढ़ें: अल्सर के घाव ठीक करने में अकरकरा के फायदे

12.आग से जलने पर अलसी का प्रयोग
शुद्ध अलसी का तेल, और चूने का निथरा हुआ जल को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर अच्छी प्रकार मिला लें। यह सफेद मलहम जैसा हो जाता है। अंग्रेजी में इसे Carron oil कहते हैं। इसको आग से जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे तुरंत आग से जले हुए घाव का दर्द ठीक हो जाता है। रोज 1 या दो बार लेप करते रहने से घाव ठीक होता है।

13.मूत्र विकार (पेशाब संबंधित रोग) में अलसी के फायदे
पेशाब संबंधित रोगों को ठीक करने के लिए भी अलसी का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा फायदा देता है। इसके लिए 50 ग्राम अलसी, 3 ग्राम मुलेठी को कूट लें। इसे 250 मिली पानी के साथ मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर पकाएं। जब 50 मिली पानी रह जाए तो, इसे छानकर 2 ग्राम कलमी शोरा मिला लें। इसे 2 घंटे के अंतर से 20-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे मूत्र रोग जैसे, पेशाब करने में दिक्कत, पेशाब की जलन, पेशाब में खून आना, पेशाब में मवाद आने संबंधी दिक्कतें दूर हो जाती हैं।
इसके अलावा 10-12 ग्राम अलसी की बीज के चूर्ण में 5-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे 3-3 घंटे पर सेवन करने से पेशाब संबंधित बीमारी ठीक होती है।

14.बवासीर में अलसी अलसी के तेल के सेवन से फायदा
बवासीर के लिए 5-7 मिली अलसी के तेल का सेवन करें। इससे कब्ज ठीक होता है, और बवासीर में लाभ होता है।

15.टीबी में अलसी के बीजों के सेवन से लाभ
टीबी के लिए 25 ग्राम अलसी के बीजों को पीसकर, रात भर ठंडे पानी में भिगोकर रखें। इस पानी को सुबह कुछ गर्म करें, और इसमें नींबू का रस मिलाकर, पिएं। इससे टी.बी. के रोगी को बहुत लाभ होता है। [Go to: Benefits of Flax seeds]

16.जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए अलसी का इस्तेमाल
जोड़ों के दर्द या गठिया में भी अलसी जड़ी-बूटी बहुत काम करता है। अलसी तेल या अलसी की बीजों को इसबगोल के साथ पीसकर लगाने से जोड़ों के दर्द में लाभ होता है।
इसी तरह अलसी के तेल को गर्म कर, शुंठी का चूर्ण मिला लें। इससे मालिश करने से कमर दर्द, तथा गठिया में लाभ होता है।

Ashok Pareek

Related Posts

शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

पंचांग तिथि:प्रतिपदा, 13:17 तक नक्षत्र:अश्विनी, 13:27 तक योग:वज्र, 21:31 तक प्रथम करण:कौवाला, 13:17 तक द्वितिय करण:तैतिल, 23:32 तक वार:शुक्रवार अतिरिक्त जानकारी सूर्योदय:06:40 सूर्यास्त:17:57 चन्द्रोदय:18:34 चन्द्रास्त:07:20 शक सम्वत:1946 क्रोधी अमान्ता महीना:आश्विन…

खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

समाचार गढ़, 17 अक्टूबर। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के गांव सोनियासर शिवदानसिंह में खेत की सीमा को लेकर हुए विवाद में तीन सगे भाइयों ने एक बुजुर्ग पर हमला कर उसे गंभीर…

You Missed

शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

शुक्रवार 18 अक्टूबर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

खेत की सीमा विवाद में बुजुर्ग पर हमला, बीकानेर रेफर

केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री मेघवाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा नेअनेक विकास कार्यों का किया शिलान्यास-लोकार्पण

केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री मेघवाल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोदारा नेअनेक विकास कार्यों का किया शिलान्यास-लोकार्पण

शराबबंदी के समर्थन में ग्रामीणों का आंदोलन 46वें दिन भी जारी, प्रशासन की उदासीनता से नाराज ग्रामीण

शराबबंदी के समर्थन में ग्रामीणों का आंदोलन 46वें दिन भी जारी, प्रशासन की उदासीनता से नाराज ग्रामीण

श्रीडूंगरगढ़ में युवाओं की पहली पसंद बन रही होंडा बाइक, दीपावली ऑफर्स ने बढ़ाई मांग

श्रीडूंगरगढ़ में युवाओं की पहली पसंद बन रही होंडा बाइक, दीपावली ऑफर्स ने बढ़ाई मांग

रीड़ी में डिग्गी पर नहाने के दौरान युवक की मौत, हादसे से परिवार में शोक

रीड़ी में डिग्गी पर नहाने के दौरान युवक की मौत, हादसे से परिवार में शोक
Social Media Buttons
Telegram
WhatsApp
error: Content is protected !!
Verified by MonsterInsights