समाचार -गढ़ 25 अगस्त 2023 श्रीडूंगरगढ़। आपने दालचीनी का नाम जरूर सुना होगा। आमतौर पर लोग दालचीनी का प्रयोग केवल मसालों के रूप में ही करते हैं, क्योंकि लोगों को दालचीनी के फायदे के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। आयुर्वेद में दालचीनी को एक बहुत ही फायदेमंद औषधि के रूप में बताया गया है। आयुर्वेद के अनुसार, दालचीनी के इस्तेमाल से कई रोगों का इलाज किया जा सकता है।
दालचीनी क्या है?
दालचीनी एक मसाला है। दालचीनी की छाल तेजपात की वृक्ष छाल से अधिक पतली, पीली, और अधिक सुगन्धित होती है। यह भूरे रंग की मुलायम, और चिकनी होती है। फलों को तोड़ने पर भीतर से तारपीन जैसी गन्ध आती है। इसके फूल छोटे, हरे या सफेद रंग के होते हैं। अगर आप दालचीनी की पत्तियों को मलेंगे तो इससे तीखी गंध आती है। दालचीनी का प्रयोग कई तरह की बीमारियों को ठीक किया जाता है।
दालचीनी के फायदे
दालचीनी के सेवन से पाचनतंत्र संबंधी विकार, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म की परेशानियां ठीक की जा सकती हैं। इसके साथ ही दस्त, और टीबी में भी इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। आप जरूर जान लें कि दालचीनी के इस्तेमाल से कितने प्रकार के फायदे होते हैं, ताकि समय पर दालचीनी का उपयोग कर आप भी फायदा ले सकें। हिचकी की परेशानी में दालचीनी का सेवन
हिचकी आना बहुत ही साधारण सी बात है, लेकिन कई ऐसे भी लोग होते हैं, जिन्हें हमेशा हिचकी आने की शिकायत रहती है। ऐसे लोग दालचीनी का उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी के 10-20 मिली काढ़ा को पिएं। इससे आराम मिलता है।
भूख को बढ़ाने के लिए दालचीनी का सेवन
500 मिग्रा शुंठी चूर्ण, 500 मिग्रा इलायची, तथा 500 मिग्रा दालचीनी को पीस लें। भोजन के पहले सुबह-शाम लेने से भूख बढ़ती है।
उल्टी को रोकने के लिए दालचीनी का प्रयोग
दालचीनी का प्रयोग उल्टी रोकने के लिए भी किया जाता है। दालचीनी, और लौंग का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में पिलाने से उल्टी पर रोक लगती है।
आंखों के रोग में दालचीनी का प्रयोग
अनेक लोग बराबर शिकायत करते हैं कि उनकी आंखें फड़कती रहती हैं। दालचीनी का तेल आंखों के ऊपर (पलक पर) लगाएं। इससे आंखों का फड़कना बन्द हो जाता है, और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
दांत के दर्द से आराम पाने के लिए दालचीनी का सेवन
जिन लोगों को दांत में दर्द की शिकायत रहती है, वे लोग दालचीनी का फायदा ले सकते हैं। दालचीनी के तेल को रूई से दांतों में लगाएं। इससे आराम मिलेगा।
दालचीनी के 5-6 पत्तों को पीसकर मंजन करें। इससे दांत साफ, और चमकीले हो जाते हैं।
दालचीनी का प्रयोग कर सिर दर्द से आराम
अगर आप सिर दर्द से परेशान रहते हैं, तो दालचीनी का सेवन करें। दालचीनी के 8-10 पत्तों को पीसकर लेप बना लें। दालचीनी के लेप को मस्तक पर लगाने से ठंड, या गर्मी से होने वाली सिर दर्द से आराम मिलता है। आराम मिलने पर लेप को धोकर साफ कर लें।
दालचीनी के तेल से सिर पर मालिश करें। इससे सर्दी की वजह से होने वाले सिरदर्द से आराम मिलती है।
दालचीनी, तेजपत्ता, तथा चीनी को बराबर-बराबर मात्रा में मिला लें। इसे चावल के धोवन (चावल को धोने के बाद निकाला गया पानी) से पीस कर बारीक चूर्ण बना लें। इसे नाक के रास्ते लें। इसके बाद गाय के घी को भी नाक के रास्ते लें। इससे सिर से संबंधित विकारों में आराम मिलता है।
आप तंत्रिका-तंत्र संबंधी परेशानियों के लिए दालचीनी के तेल को सिर पर लगाएं। इससे फायदा होता है।
जुकाम में दालचीनी का इस्तेमाल
दालचीनी को पानी में घिस कर, गर्म कर लें, और लेप के रूप में लगाएं। इससे जुकाम में फायदा होता है।
दालचीनी का रस निकालकर सिर पर लेप करने से भी लाभ होता है।
दालचीनी के उपयोग से खांसी में फायदा
खांसी के इलाज के लिए दालचीनी का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। खांसी से परेशान रहने वाले लोग आधा चम्मच दालचीनी के चूर्ण को, 2 चम्मच मधु के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे खांसी से आराम मिलता है।
दालचीनी के पत्ते का काढ़ा बना लें। 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से खांसी ठीक होती है।
एक चौथाई चम्मच दालचीनी के चूर्ण में 1 चम्मच मधु को मिला लें। इसे दिन में तीन बार सेवन करने से खांसी, और दस्त में फायदा होता है।
नाक के रोग में दालचीनी का इस्तेमाल
दालचीनी 3½ ग्राम, लौंग 600 मिग्रा, सोंठ 2 ग्राम को एक लीटर पानी में उबाल लें। जब यह पानी 250 मिली रह जाए, तो इसे छान लें। इसको दिन में 3 बार लेने से नाक के रोग में लाभ होता है। आपको इसे 50 मिली की मात्रा में लेना है।
पेट फूलने पर दालचीनी से फायदा
पेट से संबंधित कई तरह के रोगों में दालचीनी बहुत ही फायदेमंद होती है। 5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। पेट के फूलने की बीमारी ठीक होती है। [Go to: Dalchini ke fayde]
कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए दालचीनी का उपयोग
जिन लोगों के शरीर का वजन अधिक होता है, वे वजन को कम करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। आप भी मोटापा कम करने में दालचीनी से फायदा ले सकते हैं। एक कप पानी में दो चम्मच मधु, तथा तीन चम्मच दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसका रोज 3 बार सेवन करें। इससे कोलेस्ट्राल कम होता है।
दस्त पर रोक लगाने के लिए दालचीनी का उपयोग
5 ग्राम दालचीनी चूर्ण में 1 चम्मच मधु मिला लें। इसे दिन में 3 बार सेवन करें। इससे दस्त में फायदा होता है।
750 मिग्रा दालचीनी के चूर्ण में 750 मिग्रा कत्था चूर्ण मिला लें। इसे पानी के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। इससे दस्त पर रोक लगती है।
इसी तरह 4 ग्राम दालचीनी, तथा 10 ग्राम कत्था को मिलाकर पीस लें। इसमे 250 मिली खौलते हुए पानी में डालकर ढक दें। दो घंटे बाद इसे छानकर दो हिस्से करके पिएं। इससे दस्त बन्द हो जाते हैं।
बेलगिरी के शर्बत में 2-5 ग्राम दालचीनी का चूर्ण मिला लें। इसे सुबह-शाम पीने से दस्त की समस्या में लाभ होता है।
10-20 मिली दालचीनी का काढ़ा पीने से पेट संबंधी बीमारियों में लाभ होता है।
दालचीनी की जड़, और छाल का काढ़ा बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में पिएं। इससे आमाशय विकार, और दस्त में लाभ मिलता है।