दिनांक 29-04-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री जानकी नवमी आज! होंगे सभी संकट दूर जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 29/04/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- नवमी सायं 18:19 बजे उपरांत दशमी
* वार- शनिवार
* नक्षत्र – आश्लेषा दोपहर 12:44 बजे उपरांत मघा
योग– 1 गण्ड- प्रातः 10:27:36 बजे उपरांत 2 वृद्धि
करण– 1 कौलव- 18:19 P.M. उपरांत तैतिल-
* चंद्र राशि – कर्क दोपहर 12:44 बजे उपरांत सिंह
चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ,मीन दोपहर 12:44 बजे उपरांत मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 06:02 A.M. सूर्यास्त – 07:00 P.M.
दिनमान – 12:58
रात्रिमान – 11:01 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:07 बजे से 12:55 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 06:02:00 से 07:39:15 बजे तक 2. सायं 05:22:45 से 07:00 बजे तक
3.रात्रि 07:00 से 08:22:37 तक
4.रात्रि 04:38:22 से 06:01:00 तक
गुलिक काल – प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.काल- प्रातः 06:02 से 07:39:15 तक(कालवेला निषेध)
2.शुभ-प्रातः 07:39:15 से 09:16:30 तक
- रोग -प्रातः 09:16:30 से 10:53:45 तक
4.उद्वेग- प्रातः 10:53:45 से 12:31:00 तक
5.चंचल-दोपहर 12:31:00 से 02:08:15 तक
6.लाभ-दोपहर 02:08:15 से 03:45:30 तक ( वार वेला निषेध)
7.अमृत-सायं 03:45:30 से 05:22:45 तक
8.काल- सायं 05:22:45 से 07:00 तक (कालवेला निषेध)
चौघड़िया ( रात्रि)
1.लाभ- रात्रि 07:00 से 08:22:37 तक (कालवेला निषेध)
- उद्वेग-रात्रि 08:22:37 से 09:45:15 तक
3.शुभ-रात्रि 09:45:15 से 11:07:52 तक
4.अमृत-रात्रि 11:07:52 से 12:30:30 तक
5.चंचल-रात्रि 12:30:30 से 01:53:07 तक
6.रोग-रात्रि 01:53:07 से 03:15:45 तक
7.काल-रात्रि 03:15:45 से 04:38:22 तक
8.लाभ-रात्रि 04:38:22 से 06:01 तक (कालवेला निषेध) विशेष- आज श्री जानकी नवमी के दिन सीताराम का ध्यान करके एक पुष्प पर सिंदूर एवं अक्षत लगाकर मां सीता सहित प्रभु श्री राम जी को अर्पण अवश्य करें। श्री जानकी नवमी के दिन सुंदरकांड का पाठ करने से सभी बाधाएं दूर हो जाती है एवं साधक के सुख समृद्धि की भी वृद्धि होती है। मान्यता अनुसार आज श्री राम मंदिर में जाकर हनुमान जी की मूर्ति पर चढ़ा हुआ सिंदूर मां सीता के चरणों में चढ़ाएं यह प्रयोग करने से न केवल विशेष लाभ प्राप्त होता हैं बल्कि जीवन के सभी संकट दूर हो जाते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721