समाचार-गढ़, 8 दिसम्बर 2023। राजस्थान में बीजेपी को बहुमत मिलने के साथ ही अब सीएम फेस को लेकर कवायत तेज हो गई है। राजस्थान के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए जा चुके हैं। सीएम के नाम पर सस्पेंस जल्द खत्म हो जाएगा, लेकिन बीजेपी की असली चुनौती सांसद से विधायक बने नेताओं की भूमिका तय करना है। अगर वह मुख्यमंत्री की दौड़ में पिछड़ गए तो क्या वह कैबिनेट का हिस्सा बनेंगे या फिर उन्हें विधायक पद से ही संतोष करना पड़ेगा? यह बड़ा सवाल राजनीति हलकों में चर्चा का विशेष बना हुआ है।
राजस्थान में 7 सांसदो में से 4 जीते
राजस्थान में बीजेपी के ने कुल 7 सांसदो को टिकट दिया था। इसमें से चार सांसदो ने जीत दर्ज की है, जबकि 3 सांसद चुनाव हार गए है। राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर विधासभा सीट दीया कुमारी, सवाईमाधोपुर से किरोड़ीलाल मीणा, अलवर जिले की तिजारा विधानसभा सीट से बीजेपी बाबा बालकनाथ और झोटवाड़ा विधानसभा सीट से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने जीत दर्ज की है।
किसको मिलेगी क्या जिम्मेदारी?
बाबा बालकनाथ को सीएम बनाने को लेकर सोशल मीडिया पर काफी मांग हो रही है। तिजारा से जीत कर आए बाबा बालक नाथ को राजस्थान के योगी के रुप में लोग जानते है। प्रदेश में उनको सीएम बनाने की मांग हो रही है। वही, दूसरी तरफ दिया कुमारी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आप्शन के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि किरोड़ी लाल मीणा और बाबा बालकनाथ को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
सीएम और डिप्टी सीएम नहीं तो और क्या?
राजस्थान में रविवार 10 दिसंबर तक राजस्थान में सीएम फेस का ऐलान हो जाएगा। इसके बाद मंत्रीमंडल का गठन होगा। अगर चुने हुए सांसदों में से किसी को सीएम या डिप्टी सीएम नहीं बनाया जाता है तो देखने वाली बात यह होगी कि फिर इन सांसदों को क्या जिम्मेदारी दी जाती है।