समाचार गढ़, 2 जनवरी। गांव में शराब ठेका बंद करने की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना 123वें दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर पहुंचे पूर्व विधायक गिरधारीलाल महिया ने सरकार और प्रशासन पर शराब माफियाओं के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि जनता की आवाज को सुनने की बजाय सरकार हठधर्मी रवैया अपना रही है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण कड़ाके की सर्दी में शांति पूर्वक धरना देकर अपने सामाजिक ताने-बाने और भावी पीढ़ी को नशावृति से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकार और प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहे हैं।
संघर्ष के बाद भी अनसुनी हो रही मांगें
एडवोकेट श्याम सुंदर आर्य ने कहा कि शराब ठेका बंद करने की मांग को लेकर लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है, लेकिन सरकार और प्रशासन ने अब तक ध्यान नहीं दिया है। अगर जल्द ही मांग नहीं मानी गई, तो ग्रामीणों को उग्र आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
नेताओं का समर्थन
पूर्व उप प्रधान मालचंद नैण ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर ग्रामीणों का समर्थन किया।
धरने में शामिल लोग
धरने में नोरंगलाल, जयनारायण, वार्ड पंच मुन्नीराम, सीताराम, चम्पालाल, राहुल बारोटिया, ओमप्रकाश, मालाराम, रावतराम नायक, सांवरमल सहू, कानाराम, रामकिशन, नरेश, केशराराम, कुलदीप, रामकुमार और किशन चोटिया सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।
सरकार और प्रशासन को जल्द ही ग्रामीणों की मांगों पर सकारात्मक कदम उठाना चाहिए, अन्यथा स्थिति और गंभीर हो सकती है।