समाचार गढ़, 11 अगस्त 2024, श्रीडूंगरगढ़/मोमासर। युग प्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी संघ प्रभा जी ठाना 3 के सानिध्य में तेरापंथ भवन मोमासर में *कैसे हो सुखमय बुढ़ापा* विषय पर *चित्त समाधि कार्यशाला* का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मंगलाचरण चंपालाल बैंगानी ने सुमधुर भिक्षु स्तुति गीत से किया।
साध्वी संघ प्रभा जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि बुढ़ापा उम्र की डाली का वह पका हुआ फल है, जिसके अनुभवों की मिठास और सम्यक चिंतन की सुवास न केवल स्वयं को, अपितु पूरे परिपार्श्व को आनंदित कर देती है। बशर्ते कि हर इंसान आसन, प्राणायाम, ध्यान और योगमय जीवन शैली द्वारा आग्रह संयम, आहार संयम, इंद्रिय संयम, तनाव मुक्ति तथा निषेधक विचार संयम करना सीखे।
इसी श्रृंखला में साध्वी विधि प्रभा जी ने कहा कि बुढ़ापे को पुनः यौवन के रूप में कैसे बिताया जाए, उसके लिए अनेक प्रयोग एवं टिप्स बताकर संस्मरण प्रस्तुत किए।
इसी क्रम में ‘अरे बुढ़ापा कोई लेवे तो तने बेच दूं’ मधुर गीतिका तेरापंथ महिला मंडल ने प्रस्तुत की।
इसी कड़ी में अशोक पटावरी (वरिष्ठ उपाध्यक्ष, तेरापंथी सभा), सुरेंद्र संचेती, गुमानमल सेठिया, पुष्पा देवी पटावरी, आदि वक्ताओं ने विविध शैलियों में कैसे बुढ़ापा सुखमय बिताया जा सके, इस संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम का कुशल संचालन साध्वी प्रांशु प्रभा जी ने किया। इस आयोजन में श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही।