पंचांग
तिथि:नवमी, 20:56 तक
नक्षत्र:धनिष्ठा, 10:49 तक
योग:ध्रुव, 25:34 तक
प्रथम करण:बालवा, 09:55 तक
द्वितिय करण:कौवाला, 20:56 तक
वार:रविवार
हिंदू धर्म में प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है। अक्षय नवमी को आँवला नवमी कहा जाता है इस साल 10 नवम्बर यानी आज अक्षय नवमी हैं।
इस दिन विष्णुजी और आंवले के पेड़ की पूजा-अर्चना की जाती है। आंवले के पौधे के पूजन के बाद वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से विष्णुजी और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्मार भी की जाती है। कहा जाता है कि इससे साधक की सभी मनचाही इच्छा पूरी होती हैं। इस दिन विष्णुजी ने कुष्मांडक दैत्य को मारा था। इसलिए इस पर्व को कुष्मांडक नवमी भी कहा जाता है। आंवले के वृक्ष में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है। अक्षय नवमी के दिन दान-पुण्य के कार्य भी अति शुभ फलदायी माने गए हैं।
अतिरिक्त जानकारी
सूर्योदय:06:56
सूर्यास्त:17:39
चन्द्रोदय:14:06
चन्द्रास्त:00:32
शक सम्वत:1946 क्रोधी
अमान्ता महीना:कार्तिक
पूर्णिमांत:कार्तिक
सूर्य राशि:तुला
चन्द्र राशि:कुम्भ
पक्ष:शुक्ल
अशुभ मुहूर्त
गुलिक काल:14:58 − 16:19
यमगण्ड:12:17 − 13:38
दूर मुहूर्तम्:00:56 − 00:58
व्रज्याम काल:None
राहू काल:16:19 − 17:39
शुभ मुहूर्त
अभिजीत:11:56 − 12:39
अमृत कालम्:None
दिन का चौघडिया
मुहूर्त का समय करने योग्य गतिविधियाँ
उद्वेग
06:55 – 08:15
सरकार से संबंधित कार्य
चर
08:15 – 09:36
यात्रा, सौंदर्य / नृत्य / सांस्कृतिक गतिविधियाँ
लाभ
09:36 – 10:56
नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें
अमृत
10:56 – 12:16
सभी प्रकार के कार्य (विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
काल
12:16 – 13:37
मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियाँ
शुभ
13:37 – 14:57
विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियाँ
रोग
14:57 – 16:18
वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा
उद्वेग
16:18 – 17:38
सरकार से संबंधित कार्य