समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। 74 वां अणुव्रत स्थापना दिवस अणुव्रत समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी श्री चरितार्थ प्रभा जी के सान्निध्य में तेरापंथ सेवा केंद्र (मालू भवन)में मनाया गया.
साध्वी श्री चरितार्थ प्रभाजी ने अणुव्रत के नियमों की व्याख्या करते हुए परिषद को अणुव्रर्ती बनने के प्रेरणा दी. साध्वीश्री ने अणुव्रत प्रवर्तक आचार्य श्री तुलसी को स्मरण करते हुए कहा कि आचार्य तुलसी सांप्रदायिक सद्भाव व समुदायों में मैत्री के बारे में निरंतर चिंतनशील रहते थे, उन्होंने अणुव्रत रूपी जो छोटा पौधा लगाया था आज वह वटवृक्ष बन कर लोगों को सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे रहा है. साध्वी श्री जी ने परिषद को नशा के दुष्परिणाम को बताते हुए इससे दूर रहने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता यह श्री रूपचंद जी सोनी ने उपस्थित परिषद से नैतिकता, प्रामाणिकता, ईमानदारी व सच्चाई के मार्ग पर चलने का आह्वान किया व अणुव्रत को अपने जीवन में आत्मसात करने की प्रेरणा दी. कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी कृतार्थ प्रभाजी के मंगलाचरण से हुआ व समिति उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी ने अतिथियों का अभिनंदन आभार प्रकट किया. कार्यक्रम में अणुव्रत के परामर्शक तुलसीराम चौरङिया, लॉयन महावीर प्रसाद माली, समिति उपाध्यक्ष पवन कुमार सेठिया, महिला मंडल मंत्री श्रीमती मंजू झाबक, तेयुप अध्यक्ष पुखराज बरङिया, वार्ड पार्षद श्रीमती अंजू पारख व मनीष नौलखा ने अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी. कार्यक्रम में कस्बे के प्रबुद्ध जनों, पत्रकारों व पार्षदों की गरिमामयी उपस्थिति रही. मुख्य वक्ता रूपचंद सोनी का साहित्य सम्मान किया गया. कार्यक्रम का संयोजन अणुव्रत समिति मंत्री के एल जैन ने किया. कार्यक्रम का समापन साध्वीश्री के मंगल पाठ से हुआ.



