Nature

गायों के बाद हिरणों पर कहर, क्या लंपी बीमारी से हो रही मौत?

Nature Nature

समाचार-गढ़। राजस्थान में गायों के लिए कहर बनकर आया लंपी वायरस अब लग रहा है कि हिरणों में भी फैल रहा है।हालांकि इसकी आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन बाड़मेर इलाके में अब तक 20 से ज्यादा हिरणों की मौत हो चुकी है। हिरणों की बीमारी को हाईपोडरमा भी माना जा रहा है, जो कि मक्खियों के लार्वा से फैलता है। दरअसल, पश्चिमी राजस्थान में सबसे ज्यादा गोवंश की लंपी के चलते मौत हुई थी, जबकि अकेले राजस्थान में ही करीब करीब 70 हजार मवेशी की मौत हो चुकी है। अ‍नधिकृत आंकड़ा इससे भी कहीं ज्यादा बताया जा रहा है। राजस्थान में बाड़मेर में हिरणों में लंपी के संदिग्ध मामले सामने आए हैं। वहीं, मौत का आंकड़ा 20 से ज्यादा बताया जा रहा है। पशुपालन विभाग जोधपुर के जॉइन्ट डायरेक्टर डॉ. संजय सिंघवी ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि हिरणों की मौत लंपी से नहीं हुई है। यह अलग मामला है। वन्य जीवों के संरक्षण के लिए काम कर रहे अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान करतला (बाड़मेर) के सेवादार रामजीवन बेनीवाल ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि इलाके में मरने वालों हिरणों में लक्षण गायों जैसे ही पाए गए हैं, लेकिन जांच के लिए आई टीम ने इस बात से इंकार किया है।

क्या कहते हैं वन्य जीव चिकित्सक : बायोलॉजिकल पार्क, माचिया (जोधपुर) के वन्य जीव चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्ञान प्रकाश ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि अभी तक हमारे पास ऐसा कोई भी जानवर नहीं आया है, जिसमें लंपी के लक्षण दिखाई दिए हों। उनका मानना है चरागाह में गली-गांव के पशुओं के साथ चिंकारा, हिरण और नीलगाय भी होते हैं, जिनका आपस में संपर्क भी होता है। ऐसे में इससे पूरी तरह इंकार भी नहीं किया जा सकता।
डॉ. ज्ञान प्रकाश कहते हैं कि हमारे पास हाईपोडरमा के मामले जरूर सामने आए हैं, जो कि हिरणों में हर साल देखने को मिलता है। हालांकि हाईपोडरमा से मरने वाले जानवरों की संख्‍या नहीं के बराबर है। उन्होंने बताया कि हाइपोडरमा मक्खी का लार्वा होता है।

दरअसल, बारिश के पहले मक्खियां जानवरों के बालों में अंडे देती हैं और वर्षा के बाद यह लार्वा स्किन में चला जाता है। साथ ही वहीं से न्यूट्रीशन लेकर बड़ा भी होता जाता है। इसी लार्वा के कारण जानवर की स्किन पर गांठ उभर आती है, जो कि लंपी जैसी ही दिखाई देती है। कुछ समय बाद यह लार्वा जानवर की बॉडी को छोड़ देता है। उन्होंने बताया कि जंगली जानवरों में लंपी को लेकर हम आईवीआरआई के वैज्ञानिकों के भी सतत संपर्क में हैं। उन्होंने भी हिरण या नीलगाय में लंपी के मामलों की अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है।

  • Ashok Pareek

    Related Posts

    एआई की निगरानी में महाकुंभ: गुमशुदा श्रद्धालुओं को जोड़ने की तकनीकी क्रांति

    समाचार गढ़ 22 नवंबर 2024, प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है।…

    सर्दियों में सेहत का राज: गर्म पानी और शहद के 5 चमत्कारी फायदे

    समाचार गढ़ डेस्क, 22 नवम्बर 2024। सर्दियों के आते ही ठंड के साथ कई स्वास्थ्य चुनौतियाँ भी सामने आने लगती हैं। इम्युनिटी कमजोर होने पर सर्दी-जुकाम, गले की खराश और…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    41 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर की अपनी जीवन लीला समाप्त, जिले के मंजू कॉलोनी की घटना

    41 वर्षीय युवक ने फांसी लगाकर की अपनी जीवन लीला समाप्त, जिले के मंजू कॉलोनी की घटना

    एआई की निगरानी में महाकुंभ: गुमशुदा श्रद्धालुओं को जोड़ने की तकनीकी क्रांति

    एआई की निगरानी में महाकुंभ: गुमशुदा श्रद्धालुओं को जोड़ने की तकनीकी क्रांति

    सर्दियों में सेहत का राज: गर्म पानी और शहद के 5 चमत्कारी फायदे

    सर्दियों में सेहत का राज: गर्म पानी और शहद के 5 चमत्कारी फायदे

    दिनांक 22 नवंबर 2024 के पंचांग व चौघड़िया के साथ जानें और भी कुछ खास बातें

    दिनांक 22 नवंबर 2024 के पंचांग व चौघड़िया के साथ जानें और भी कुछ खास बातें

    ऊंट गाड़ों को पहनाई गई 70 बेल्ट, वाहनों पर लगाया गया रेडियम

    ऊंट गाड़ों को पहनाई गई 70 बेल्ट, वाहनों पर लगाया गया रेडियम

    श्रीडूंगरगढ़ में महिला मतदाताओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू

    श्रीडूंगरगढ़ में महिला मतदाताओं का शत-प्रतिशत पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू
    Social Media Buttons
    Telegram
    WhatsApp
    error: Content is protected !!
    Verified by MonsterInsights