दिनांक 25-04 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
काले चने और गुड़ से होते हैं सभी ग्रह शांत जाने कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 25/04 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- पंचमी- 09:37 A.M. उपरांत षष्ठी-
* वार- मंगलवार
* नक्षत्र – आर्द्रा – रात्रि 28:17 बजे उपरांत पुनर्वसु
* योग- 1 अतिगंड – 07:41:36 A.M *उपरांत *2* सुकर्मा
करण– 1 बालव – 09:37:12 A.M. 2. कौलव – 22:30:42 P.M. उपरांत तैतिल-
चंद्र राशि – मिथुन
चंद्र बल – मेष,वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु ,मकर,कुंभ
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय- 06:06 A.M. सूर्यास्त – 06:58 P.M.
दिनमान – 12:52
रात्रिमान – 11:07 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:08 बजे से 12:56 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक राहुकाल- दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कुलिक योग- प्रातः 09:37 बजे तक
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 02:08:30 से 03:45 बजे तक
2.रात्रि 08:21:22 से 09:44:45 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.रोग- प्रातः 06:06 से 07:42:30 तक
2.उद्वेग-प्रातः 07:42:30 से 09:19 तक (वार वेला निषेध)
3.चंचल-प्रातः 09:19 से 10:55:30 तक
4.लाभ-प्रातः 10:55:30 से 12:32 तक
5.अमृत-दोपहर 12:32 से 02:08:30 तक
6.काल-दोपहर 02:08:30 से 03:45 तक (कालवेला निषेध)
7.शुभ- सायं 03:45 से 05:21:30 तक
8.रोग-सायं 05:21:30 से 06:58 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.काल- रात्रि 06:58 से 08:21:22 तक
2.लाभ-रात्रि 08:21:22 से 09:44:45 तक (कालवेला निषेध)
3.उद्वेग-रात्रि 09:44:45 से 11:08:07 तक
4.शुभ-रात्रि 11:08:07 से 12:31:30 तक
5.अमृत-रात्रि 12:31:30 से 01:54:52 तक
6.चंचल-रात्रि 01:54:52 से 03:18:15 तक
7.रोग-रात्रि 03:18:15 से 04:41:37 तक
8.काल- रात्रि 04:41:37 से 06:05 तक
*विशेष- यदि आपकी जन्मकुंडली या गोचर कुंडली में कोई भी ग्रह खराब हो तो कृपया मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में जाकर बजरंगबली को काले चने और गुड़ का भोग अवश्य लगाएं एवं उस प्रसाद को बांटे। तत्पश्चात हनुमान जी की मूर्ति के आगे आसन लगाकर बैठ जाए एवं हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से सभी ग्रह शांत हो जाते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721