समाचार-गढ़, 7 अक्टूबर 2023, श्रीडूंगरगढ़। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतिम दिवस को जीवन विज्ञान दिवस के रूप में स्थानीय मालू भवन में मनाया गया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी डॉ. सम्पूर्णयशा ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शारीरिक और बौद्धिक विकास पर ध्यान देने के साथ मानसिक और भावनात्मक विकास पर भी ध्यान देना जरूरी है। जीवन विज्ञान समुचित और सर्वांगीण विकास का आयाम है। शिक्षा में जीवन विज्ञान के द्वारा क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकता है, यह शिक्षा के क्षेत्र का अभिनव प्रयोग है। जीवन विज्ञान जीवन जीने की सही कला है। जीवन विज्ञान अपनाकर अध्ययन और अभ्यास दोनों का संतुलन बन सकता है। साध्वी मेघप्रभा ने जीवन विज्ञान का प्रायोगिक प्रशिक्षण देते हुए पुरुषार्थ, एकाग्रता और धैर्य के प्रयोग समुपस्थित विद्यार्थियों को करवाये। इस दौरान विद्यार्थियों में आत्महत्या नहीं करने, अपशब्द का प्रयोग नहीं करने और संयमित जीवन जीने के संकल्प ग्रहण किये। सभा मंत्री पवन सेठिया ने संयोजकीय वक्तव्य में जीवन विज्ञान दिवस पर प्रकाश डालते हुए पूर्वाचार्य तुलसी और महाप्रज्ञ को याद किया और उनके इस अवदान को शिक्षा जगत के लिए वरदान बताया। कार्यक्रम को सेवानिवृत शिक्षाविद रूपचन्द सोनी, विजयराज सेवग, सुरेंद्र कुमार चुरा ने विद्यार्थियों को वर्तमान जीवनशैली पर ध्यान आकृष्ट करते हुए जीवन विज्ञान के द्वारा व्यक्तित्व विकास करने का आह्वान किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में जीवन विज्ञान गीत का संगान सुमित बरड़िया ने किया। स्वागत वक्तव्य समिति के उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी ने दिया। आभार ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी पवन सेठिया ने किया।
इन स्कूलों की रही सहभागिता-
संस्कार इनोवेटिव स्कूल, मनोज गुंसाई
ब्राइट फ्यूचर स्कूल, पार्वती शर्मा
सरस्वती सीनियर स्कूल, सुरेंद्र चुरा
महाराणा प्रताप पब्लिक स्कूल, विजयराज सेवग



