समाचार गढ़, 18 अगस्त 2024, श्रीडूंगरगढ़/मोमासर। युग प्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की शिष्या साध्वी संघ प्रभा जी ठाना 3 के सानिध्य में भक्तांबर स्त्रोत अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य विषय “हर समस्या का समाधान बीज मंत्रों में छिपा स्वास्थ्य विज्ञान” था, जिसका आयोजन तेरापंथ भवन, मोमासर में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वी प्रांशुप्रभा जी ने “ऋषभाय नमः” स्तुति से किया। साध्वी संघ प्रभा जी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में भक्तांबर स्त्रोत की महत्ता एवं उसकी रचना के इतिहास को मार्मिक ढंग से उजागर करते हुए कहा कि यह प्रसिद्ध जैन आचार्य मांगतुंग द्वारा आदि तीर्थंकर भगवान ऋषभ की स्तुति में रचित एक प्रभावशाली स्रोत है, जिसका संपूर्ण जैन समाज में प्रातः काल नित्य स्मरण किया जाता है। इसका नियमित पाठ समस्त विघ्नों का नाशक एवं आत्मा का प्रकाशक है। साध्वी श्री ने हर श्लोक के प्रभावों एवं चमत्कारिक घटनाओं का भी उल्लेख किया।
इसी क्रम में साध्वी वृन्द द्वारा भक्तांबर स्त्रोत का सामूहिक उच्चारण करवाया गया। साध्वी विधि प्रभा जी ने बीजाक्षरों का प्रैक्टिकल प्रयोग करवाकर विभिन्न बीमारियों का इलाज एवं निदान कैसे किया जाए, यह बताया और बीजाक्षरों का महत्व समझाया।
कार्यक्रम में विमला देवी गोगड ने “बोल-बोल आदिश्वर वाला” गीत प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में 11 जोड़ों ने भाग लिया एवं श्रावकों की उपस्थिति अच्छी रही।
इस कार्यक्रम का आयोजन श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा संस्थान मोमासर ने किया। इस मौके पर जयपुर तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सेठिया ने सूरत में आयोजित महासभा अधिवेशन के संवाद सुनाए। कार्यक्रम में आभार उपाध्यक्ष द्वितीय श्री शांतिलाल जी सेठिया ने व्यक्त किया।