समाचार गढ़। बड़े शहरों के साथ-साथ अब कस्बों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब हो जाती है। पटाखों से निकलने वाला धुआं हमारे पर्यावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालता है। यह समस्या खासकर उन लोगों के लिए अधिक घातक है, जो पहले से ही अस्थमा, एलर्जी, या फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे हैं।
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पटाखों के धुएं से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान:
1. फेफड़ों पर प्रभाव:
पटाखों से निकलने वाले धुएं में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे रसायन होते हैं, जो सांस लेने पर सीधे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
2. अस्थमा और एलर्जी का बढ़ना:
दीवाली के बाद अस्थमा और एलर्जी के मामले तेजी से बढ़ते हैं। धुएं से बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक दिक्कत होती है, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी, खांसी, और आंखों में जलन का सामना करना पड़ता है।
3. हृदय रोगियों के लिए जोखिम:
पटाखों के प्रदूषण से हवा में मौजूद कण रक्तचाप बढ़ा सकते हैं, जिससे दिल के मरीजों को हार्ट अटैक या अन्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
4. त्वचा और आंखों की समस्याएं:
पटाखों के धुएं और रसायनों से त्वचा में जलन, खुजली और आंखों में सूजन जैसी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं।
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विशेष सावधानियाँ (Firecracker Smoke Prevention Tips):
अस्थमा और एलर्जी के मरीज: इन लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए और इनहेलर या दवाइयां साथ में रखनी चाहिए।
बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान: बच्चों और बुजुर्गों को अधिक जोखिम होता है, इसलिए उन्हें ज्यादा देर तक बाहर न रखें।
एन95 मास्क का उपयोग: बाहर जाने पर प्रदूषण से बचने के लिए एन95 मास्क पहनें।
घर के अंदर वायु शुद्धिकरण: घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और दरवाजे-खिड़कियां बंद रखें।
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पटाखों से जलने पर क्या करें? (Diwali Firecracker Precautions Tips)
1. ठंडे पानी से धोएं: यदि त्वचा जल जाए, तो प्रभावित हिस्से को तुरंत ठंडे पानी से धोएं।
2. एंटीसेप्टिक क्रीम का इस्तेमाल: जले हुए हिस्से पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।
3. ढीले कपड़े पहनें: प्रभावित क्षेत्र पर घर्षण से बचने के लिए ढीले कपड़े पहनें।
4. जल्द से जल्द चिकित्सकीय सहायता: अगर जलन गंभीर है, तो नजदीकी अस्पताल जाएं।
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निष्कर्ष:
बढ़ते प्रदूषण और स्वास्थ्य खतरों को देखते हुए पटाखों से दूरी बनाना जरूरी है। दीवाली को सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए पटाखों की बजाय दीपों और सजावट से खुशियां मनाने का संकल्प लें। साथ ही, जागरूकता फैलाकर दूसरों को भी पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित करें।
दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!