दिनांक 06-06 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
टमाटर खाने से बढ़ती है स्थायी संपत्ति जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 06/06/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – आषाढ़
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- तृतीया रात्रि 24:47 बजे उपरांत चतुर्थी
* वार- मंगलवार
* नक्षत्र – पूर्वाषाढ- रात्रि 23:10 बजे उपरांत उत्तराषाढ
* योग- 1 शुभ -25:50:36 P.M. *उपरांत *2* शुक्ल
करण– . 1 वणिज -14:17 P.M. 2. विष्टि (भद्रा) – 24:47 A.M. उपरांत 3 बव
चंद्र राशि – धनु रात्रि 28:37 बजे उपरांत मकर
चंद्र बल – मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु , कुंभ,मीन
रात्रि 28:37 बजे उपरांत मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय- 05:45 A.M. सूर्यास्त – 07:20 P.M.
दिनमान – 13:35
रात्रिमान – 10:25 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:08:30 बजे से 12:56:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक राहुकाल- दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 02:14:22 से 03:56:15 बजे तक
2.रात्रि 08:38:07 से 09:56:15 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.रोग- प्रातः 05:45 से 07:26:52 तक
2.उद्वेग-प्रातः 07:26:52 से 09:08:45 तक (वार वेला निषेध)
3.चंचल-प्रातः 09:08:45 से 10:50:37 तक
4.लाभ-प्रातः 10:50:37 से 12:32:30 तक
5.अमृत-दोपहर 12:32:30 से 02:14:22 तक
6.काल-दोपहर 02:14:22 से 03:56:15 तक (कालवेला निषेध)
7.शुभ- सायं 03:56:15 से 05:38:07 तक
8.रोग-सायं 05:38:07 से 07:20:00 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.काल- रात्रि 07:20 से 08:38:07 तक
2. लाभ-रात्रि 08:38:07 से 09:56:15 तक (कालवेला निषेध)
3.उद्वेग-रात्रि 09:56:15 से 11:14:22 तक
4.शुभ-रात्रि 11:14:22 से 12:32:30 तक
5.अमृत-रात्रि 12:32:30 से 01:50:37 तक
6.चंचल-रात्रि 01:50:37 से 03:08:45 तक
7.रोग-रात्रि 03:08:45 से 04:26:52 तक
8.काल- रात्रि 04:26:52 से 05:45 तक
विशेष– ज्योतिष शास्त्रों में मंगल को भूमि, भवन आदि स्थाई संपत्ति का कारक माना जाता है। जातक की जन्मकुंडली में अनुकूल स्थिति में स्थित मंगल ग्रह जातक को भूमि, भवन आदि स्थाई संपत्ति प्रदान करता हैं एवं विपरीत परिस्थिति में बैठा हुआ मंगल उपरोक्त संपत्ति में कमी कर देता है। अतः मंगल ग्रह को प्रबल एवं अनुकूल बनाने के लिए मंगलवार को टमाटर अवश्य खानें चाहिए।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721