जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई समग्र शिक्षा अभियान की जिला निष्पादन समिति की बैठक
समाचार गढ़, बीकानेर, 16 जुलाई। समग्र शिक्षा अभियान की जिला निष्पादन समिति, जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषाहार सहायता कार्यक्रम एवं पीएमश्री स्कूल योजना की समीक्षा बैठक बुधवार को जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में हरियालो राजस्थान अभियान के अंतर्गत शिक्षा विभाग को जिले में करीब 33 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए। साथ ही स्कूलों में नए सत्र में 10 फीसदी नामांकन बढ़ाने पर जोर दिया गया।
मिड-डे-मील की सख्त मॉनिटरिंग के निर्देश
जिला स्तरीय राष्ट्रीय पोषाहार सहायता कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में मिड-डे-मील की जांच प्रतिदिन पांच बच्चों की मां या अभिभावकों से कराना सुनिश्चित करें और इसके लिए अलग से रजिस्टर मेंटेन किया जाए। निरीक्षण करने वाले अधिकारी इस रजिस्टर की जांच करेंगे। मीनू के अनुसार भोजन मिल रहा है या नहीं, इसकी भी जांच जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक बच्चे की उपस्थिति राज सिम्स पोर्टल पर प्रतिदिन दर्ज हो ताकि पूरी ग्रांट समय पर मिले। बारिश के मौसम को देखते हुए मिल्क पाउडर व खाद्यान्न का सुरक्षित भंडारण करने के निर्देश भी दिए गए। डीईओ प्रारंभिक केडी चारण ने मिड-डे-मील की विस्तृत जानकारी दी।

पीएमश्री स्कूलों का निरीक्षण और स्कूलों की सुरक्षा
पीएमश्री योजना की समीक्षा में जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को महीने में दो पीएमश्री स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। जिले में फिलहाल 17 पीएमश्री स्कूल हैं।
कलेक्टर ने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए सभी प्रिंसिपल यह सुनिश्चित करें कि स्कूल की कोई बिल्डिंग जर्जर स्थिति में न हो। अगर है तो तत्काल रिपोर्ट करें ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। साथ ही सभी स्कूलों में शत-प्रतिशत विद्युत कनेक्शन के लिए निर्देशित किया गया।
पौधारोपण का लक्ष्य और मियावाकी पद्धति से सघन रोपण
सीडीईओ महेन्द्र शर्मा ने बताया कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चे मानसून के दौरान 10 पौधे, कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी व स्कूल स्टाफ 15-15 पौधे लगाएंगे। एडीईओ माध्यमिक ओमप्रकाश बिश्नोई ने कहा कि पौधे पहले स्कूल परिसर में लगाए जाएंगे, फिर श्मशान भूमि, पटवारी द्वारा चिन्हित जगहों और अंत में बच्चों के घरों के आसपास।
उन्होंने कहा कि जन्मदिन व वर्षगांठ पर अभिभावकों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पौधे उपलब्ध नहीं होने पर बीज रोपण कर पौधे तैयार किए जाएंगे। जिले में कुछ स्कूलों ने खुद की पौध नर्सरी भी तैयार की है।
डीईओ माध्यमिक रामगोपाल शर्मा ने कहा कि जगह कम होने पर जापान की मियावाकी पद्धति अपनाई जाएगी, जिसमें 1 वर्ग मीटर में 2 से 4 देशी प्रजाति के पौधे लगाए जाते हैं।
बैठक में एडीपीसी कृष्ण कुमार बिश्नोई, सहायक निदेशक भैंरोंसिंह सहित जिले के सभी सीबीईओ, एसीबीईओ मौजूद रहे।










