समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। इस बार अच्छे जमाने की आस लगाए किसानों ने बंपर पैदावार की आस में जमकर बुवाई की थी लेकिन ऐन वक्त पर बारिश की बेरुखी ने किसानों की आस को चिंता की लकीरों में बदल दिया है। पिछले कई दिनों से बारिश नहीं होने के कारण पकाव पर खड़ी फसलें बुरी तरह मुरझा गई हैं किसानों के अरमानों की फसल अब जलने के कगार पर पहुंच गई है खेतों में खड़ी ग्वार,मूंग, बाजरा,तिल, मोठ की फसल बारिश के अभाव में तिलमिला गई है। बारिश के अभाव में सर्वाधिक मोठ की फसल प्रभावित नजर आ रही है। किसानों का मानना है कि बारिश के बगैर ग्वार की फसल भी नहीं हो पाएगी । क्योंकि अब बरसात की सख्त जरूरत है अगर इस वक्त पांच सात दिनों में बरसात नहीं होती हैं तो फसलों के खराब होने की पूरी आशंका है। सातलेरा गांव के किसान मोटाराम,मालाराम,लालदास,
आशाराम कमल कुमार आदि ने बताया कि बगैर बरसात के मुंगफली की फसल भी मुरझानी शुरू हो गई है। बिना बरसात के मूंगफली की फसल का उत्पादन भी प्रभावित होगा ।कई खेतो में तो किसानों ने मोठ की फसल को उपाड़ना शुरू भी कर दिया है किसानों का कहना कि पूरी तरह जलने के बाद चारा भी हाथ नहीं लग पाएगा।किसानों का कहना कि बारिश के अभाव में ग्वार की फसल में भी फाल ना के बराबर है।। किसानों को चिंता सता रही है कि अगर आगामी पांच सात दिनों में बरसात नहीं होती हैं तो किसानों के अरमानों पर पानी फिर जाएगा ।
हालांकि मौसम विभाग ने संभावना व्यक्त की है कि 9- 10 सितंबर बाद मौसम बदलेगा तथा बारिश भी होगी ।लेकिन किसानों का कहना है कि तीन चार दिनों में मोठ की फसल सत्तर फीसदी सूख जायेगी ।अगर बरसात होती है तो ग्वार,बाजरा,तिल,मूंगफली की फसल के लिए राम बाण साबित होगी ।
ऊंट गाड़ों को पहनाई गई 70 बेल्ट, वाहनों पर लगाया गया रेडियम
समाचार गढ़, 21 नवम्बर2024, श्रीडूंगरगढ़। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टीम के अभियान का दूसरा दिन भी सफलता के साथ संपन्न हुआ। इस दौरान टीम ने ऊंट गाड़ों को 70 सुरक्षा…