समाचार-गढ, श्रीडूंगरगढ़। सोलह दिन की गणगौर पूजन के बाद आज गणगौर की श्रीडूंगरगढ़ सहित ग्रामीण अंचल प्रत्येक गांव में शाही सवारी निकली। महिलाओं ने सोलह श्रृंगार कर गणगौर की पूजा की तथा अखंड सौभाग्य के साथ साथ खुशहाली की कामना की तो वहीं कुंवारी कन्याओं ने सुयोग्य वर की कामना की। आज कई घरों में गौर के अजुने का आयोजन हुआ। श्रीडूंगरगढ़ सहित गांवों में परंपरागत रूप से गण गौर की शाही सवारी निकली। महिलाओं सहित कन्याओं ने गण गौर के आगे भजन नृत्य कर रिझाया। धर्मनगरी श्रीडूंगरगढ़ कस्बे में गणगौर के जुलूस शाम 4 बजे हनुमान क्लब से शुरू हुआ। गणगौर की शाही सवारी के साथ कस्बे के युवक बाइक लेकर सम्मिलित हुए। गणगौर मेला समिति के व्यवस्थापक राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि कस्बे में गणगौर के कार्यक्रम में उत्साह का माहौल था। उपाध्याय ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अत्यधिक धूमधाम और उल्लास के साथ आज शाम 4:00 बजे हनुमान क्लब प्रांगण से गणगौर की सवारी 21 गणगौर तथा 21 ईशरजी के साथ निकाली गई। समिति के हिसाब किताब निरीक्षक श्रीगोपाल राठी ने बताया कि गणगौर ईशर जी की सवारी में जुलूस को भव्यता के साथ निकाला गया जिसमें रथ, घोड़े, ऊंट, बैंड बाजों के साथ कस्बे के धार्मिक श्रद्धालु सम्मिलित हुए। विजयराज सेवग ने बताया कि जुलूस में गणगौर पूजन करने वाली बहनें सिर पर कलश लेकर शामिल हुई। समिति के मंत्री श्यामसुंदर पारीक ने बताया कि जुलूस मुख्य मार्गों से होते हुए मैन बाजार से कालू बास के नेहरू पार्क में पहुंचा। यहां गणगौर व ईशरजी को प्रसाद-जल आदि अर्पित किया किया गया। शनिवार को गणगौर व ईशर के फेरे करवाये जाएंगे, इनमे सबसे ज्यादा सजी धजी गणगौर को चयन कमेटी द्वारा चयनित होने पर पुरस्कृत किया जाएगा।





वहीं सातलेरा, बिग्गा, में भी गणगौर ईसर की शाही सवारी निकाली गई। सातलेरा में पंडित सत्यनारायण तावनिया ने गण गौर ईसर के विवाह की रस्म का निर्वाह करवाया ।महिलाओं ने मंगल गीत गाकर नृत्य किया ।महिलाओं ने ढोकले का प्रसाद चढ़ाया।आज घर घर में बाजरे के आटे का ढोकला बनाकर घी शक्कर मिलाकर प्रसाद तैयार किया गया।अजूने वाले हर घर में गणगौर की सवारी पहुंची।





