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समाचार-गढ़, 9 फरवरी 2023। श्रीडूंगरगढ़ में अब सरकार और प्रशासन को बिना जन आंदोलन के आमजन की आवाज सुनाई देनी बंद हो चुकी है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि श्रीडूंगरगढ़-दुसारणा कटानी मार्ग पर अंडरब्रिज की मांग को लेकर किसान, मजदूर, शिक्षक, व्यापारी सहित जनप्रतिनिधि पिछले 12 दिनों से अंडरब्रिज की मांग करते हुए धरने पर बैठे हैं। धरने में बैठे हरिप्रसाद मोदी ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीडूंगरगढ- दुसारणा कटानी मार्ग होने के बाद भी अंडरब्रिज के लिए तरस रहा है। सैकंडों व्यक्ति अपनी जायज मांग के लिए 12 दिनों से धरने पर बैठे है परन्तु जनता की पीड़ा से किसी को सरोकार नहीं है।
श्रीडूंगरगढ़-दुसारणा कटाणी मार्ग पर दिए जा रहे धरने पर जनप्रतिनिधि भी पहुँच रहे है और अपना समर्थन देते हुए कटाणी मार्ग में आ रहे गांवों के ग्रामीणों से संपर्क कर रहे है। धरने पर बैठे किसान ने कहा कि पटरी के उस पार 200 से अधिक कुएं है इस कारण सभी लोगों के मकान भी कुवों पर बने हुए है। श्रीडूंगरगढ़ आने के लिए अब 30 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। धरने पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष पूनमचंद नैण ने कहा कि सभी किसानों की ढाणियां इस मार्ग पर होने की वजह से किसा किसान कृषि कुओं पर ही रहते हैं और इस कारण बच्चों की शिक्षा चिकित्सा सुविधा में परेशानी होती है वही अनाज, दूध के भाव भी उन्हें नहीं मिल पाते क्योंकि पटरियों की वजह से रास्ता बंद कर दिया गया है और व्यापारी उस पार नहीं जा रहे हैं। नैण ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार एक तरफ तो बंद रास्तों नको खुलवाने के लिए कानून बना रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की समस्या से मुंह फेरती दिख रही है। एडवोकेट श्यामसुंदर आर्य ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़-दुसारणा मार्ग पर 12 दिन से अंडर ब्रिज की मांग को लेकर धरना चल रहा है और सैकड़ों किसान इससे प्रभावित है लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है वहीआर्य ने कहा कि इस अंडर ब्रिज के लिए पौने दो करोड़ की लागत बताई जा रही है जो कि बहुत ज्यादा नहीं है। ब्रिज के निर्माण से कई गांवों के ग्रामीणों को सुविधा मिल सकेगी। इस धरने पर किसान मोर्चा के बीकानेर संभाग प्रभारी लकेश चौधरी भी पहुंची चौधरी ने कहा कि पहले ग्रामीणों की गाड़ियां इस कटान के रास्ते से गुजरती थी लेकिन जबसे ब्रॉडगेज की लाइने आई है तब से यह रास्ता बंद कर दिया गया है जिससे किसानों को दूसरे रास्ते से जाना पड़ता है और इनको लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ग्रामीण उस पार जानें के लिए पैदल पटरियों पर से गुजरते है जिससे आये दिन हादसे की आशंका बनी रहती है। वहीं चौधरी ने कहा कि इस अंडर ब्रिज निर्माण के लिए बीकानेर जिला कलेक्टर ने 2013 में ही बजट कि फाइल बनाकर सरकार को भेज दिया था लेकिन आज तक वह फाइल सरकार की मुहर लगने का इंतजार कर रही है। इस दौरान धरने पर हरिप्रसाद मोदी, गंगाराम बाना, अमराराम बाना, बाना सरपंच ओमप्रकाश बाना, श्रवणराम बाना, शंकरलाल जोशी, मालाराम ज्याणी, दौलतराम दुसाद, सांवतराम, दुलनाथ, ज्ञानसिंह, मामराज सेरड़िया, हड़मान प्रसाद सारस्वत, कमलेश सारस्वत, उमाराम बाना, किशनलाल सारस्वत, राजू माली सहित सैकड़ों ग्रामीण धरने पर जुटे हुए हैं।
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