समाचारगढ़ 28 सितम्बर 2024 श्रीडूंगरगढ़ आयुर्वेद में नस्य क्रिया का विशेष महत्व है, जिसमें नाक के जरिए औषधीय तेल या घी का उपयोग किया जाता है। नाक, जिसे ‘शरीर का द्वार’ कहा जाता है, के माध्यम से घी डालने से न सिर्फ मस्तिष्क बल्कि पूरे शरीर को पोषण मिलता है। नाक में घी डालने से होने वाले लाभों की एक विस्तृत सूची है:
1. मस्तिष्क को पोषण और ताजगी:
घी का नस्य मस्तिष्क की कोशिकाओं को पोषण प्रदान करता है, जिससे याददाश्त और मानसिक क्षमता में वृद्धि होती है। यह मस्तिष्क को शांत करता है और मानसिक तनाव, चिंता, और अवसाद जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।
2. साइनस की समस्या और श्वसन तंत्र में सुधार:
नाक में घी डालने से साइनस की सूजन कम होती है, और नाक की नलियों में जमी गंदगी साफ होती है। इससे श्वसन तंत्र में सुधार होता है और नाक बंद होने या सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
3. आंखों की रोशनी में सुधार:
नस्य क्रिया से आंखों की दृष्टि में सुधार होता है, आंखों की सूखापन और जलन जैसी समस्याओं में राहत मिलती है। यह आंखों को ठंडक पहुंचाता है और लंबे समय तक आंखों की रोशनी को बरकरार रखता है।
4. स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता:
घी मस्तिष्क की नसों को सशक्त करता है, जिससे याददाश्त बेहतर होती है और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों और मानसिक कार्य करने वालों के लिए यह प्रक्रिया अत्यधिक लाभकारी है।
5. सिरदर्द और माइग्रेन में राहत:
घी डालने से सिरदर्द, माइग्रेन और मस्तिष्क की थकावट में राहत मिलती है। यह सिर को ठंडक पहुंचाकर तनाव को कम करता है और नसों को शांत करता है।
6. बालों और त्वचा के लिए लाभकारी:
नस्य क्रिया त्वचा और बालों को अंदरूनी पोषण देती है, जिससे बाल मजबूत और चमकदार बनते हैं। त्वचा में नमी बनी रहती है, और सूखी त्वचा या झुर्रियों जैसी समस्याओं में कमी आती है।
7. ध्वनि और स्वर की गुणवत्ता में सुधार:
नाक में घी डालने से गले की समस्याएं जैसे खराश, सूजन या सूखेपन में सुधार होता है, और स्वर की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। इससे गायकों और वक्ताओं को विशेष लाभ होता है।
8. मानसिक स्वास्थ्य और नींद में सुधार:
घी का उपयोग मानसिक शांति और सुकून प्रदान करता है। यह अनिद्रा की समस्या को कम करता है और गहरी नींद लाने में मदद करता है। मानसिक रूप से तनावमुक्त होकर आप दिन भर ऊर्जा से भरपूर रहते हैं।
9. हार्मोनल संतुलन में मदद:
नस्य क्रिया शरीर के हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में सहायक होती है, खासकर महिलाओं के लिए। यह हार्मोनल समस्याओं जैसे पीरियड्स से संबंधित असंतुलन में मदद करता है।
10. एलर्जी से राहत:
घी का नस्य उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो मौसम बदलने पर या अन्य कारणों से नाक में एलर्जी की समस्या से जूझते हैं। यह नाक की सूजन कम करता है और श्वसन तंत्र को स्वच्छ रखता है।
उपयोग का सही तरीका:
रोज सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले नाक में 2-3 बूंद घी डालना चाहिए। यह प्रक्रिया विशेष रूप से ठंड के मौसम में लाभकारी होती है, जब त्वचा और नाक के मार्ग सूखने लगते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, नियमित रूप से नस्य क्रिया करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है और दीर्घायु प्राप्त होती है।