दिनांक 26-05-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज खीर खाने से होंगे सभी दुःख दूर जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 26/05/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- सप्तमी अहोरात्र
* वार- शुक्रवार
* नक्षत्र – आश्लेषा रात्रि 20:46 बजे उपरांत मघा
* योग- 1 ध्रुव- सायं 18:59:07 बजे उपरांत व्याघात
- करण- 1 गर- 18:28:12 P.M. उपरांत वणिज
- चंद्र राशि – कर्क रात्रि 20:46 बजे उपरांत सिंह
चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर,कुंभ,मीन
रात्रि 20:46 बजे उपरांत मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मीन
- चंद्र राशि – कर्क रात्रि 20:46 बजे उपरांत सिंह
सम्वत् नाम- पिंगल
सूर्योदय- 05:47 A.M. सूर्यास्त- 07:15 P.M.
दिनमान- 13:28
रात्रिमान- 10:32 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:07 से 12:55 बजे तक
अशुभ समय
यमगण्ड – सायं 3:00 से 4:30 बजे तक राहुकाल- प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1.प्रातः 10:50 से 12:31 बजे तक 2.रात्रि 09:53 से 11:12 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.चंचल- प्रातः 05:47 से 07:28 तक
2.लाभ-प्रातः 07:28 से 09:09 तक 3.अमृत-प्रातः09:09 से 10:50 तक (वार वेला निषेध)
4.काल-प्रातः 10:50 से 12:31 तक (कालवेला निषेध)
5.शुभ- दोपहर 12:31 से 02:12 तक
6.रोग-दोपहर 02:12 से 03:53 तक
7.उद्वेग-सायं 03:53 से 05:34 तक
8.चंचल-सायं 05:34 से 07:15 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.रोग- रात्रि 07:15 से 08:34 तक
2.काल-रात्रि 08:34 से 09:53 तक
3.लाभ-रात्रि 09:53 से 11:12 तक (कालवेला निषेध)
4.उद्वेग-रात्रि 11:12 से 12:31 तक
5.शुभ-रात्रि 12:31 से 01:50 तक
6.अमृत-रात्रि 01:50 से 03:09 तक
7.चंचल-रात्रि 03:09 से 04:28 तक
8.रोग-रात्रि 04:28 से 05:47 तक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को सुख का कारक माना जाता है।
जिस व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह निर्बल होता है उनके जीवन में हमेशा सुख की कमी रहती है। अतः शुक्र ग्रह को प्रबल बनाने के लिए शुक्रवार के दिन भोजन में खीर अवश्य खाएं क्योंकि खीर खाने से शुक्र ग्रह प्रसन्न हो जाते हैं और शुक्र ग्रह की प्रसन्नता से सुख में वृद्धि होती है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721