समाचार गढ़, 12 अक्टूबर 2025, श्रीडूंगरगढ़। श्री क्षत्रिय युवक संघ का मातृशक्ति प्राथमिक प्रशिक्षण शिविर श्रीडूंगरगढ़ में दिनांक 9 अक्टूबर से शुरू हुआ जिसकी विदाई आज 12 अक्टूबर को हुई शिविर प्रमुखा शायर कंवर अवाय (जैसलमेर) ने अपने विदाई संदेश में बताया कि आपने यहां शिविर में चार दिन प्रातः 4.30 बजे जागरण से दिनचर्या प्रारंभ करके योगासन, व्यायाम, ध्यान,प्रार्थना, बौद्धिक चर्चाओं व विनोद सत्रों के माध्यम से बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
बालिकाओं को क्षत्रिय कुल परंपरा, नारी शक्ति का महत्व, नारी शक्ति का उत्थान, वीरोचित्त गुणों की जीवनियों के बारे में बताया गया व चर्चा सत्र में उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया गया। जिससे बालिकाएं रील नही रियल यानी वास्तविक जीवन का समझ सकें व वीरता की प्रेरणा ले सकें। शायर कंवर ने कहा कि इतिहास गवाह है कि किसी भी बालक की अद्वितीय क्षमताओं के उद्धाटन में उसकी माता का व उनके संस्कारों का सबसे अधिक प्रभाव होता है। ऐसे में आज संस्कृतियों के संक्रमण काल में हमें समाज के उज्ज्वल भविष्य के लिए वीर व संस्कारवान माताओं का निर्माण करना होगा। श्रीक्षत्रिय युवक संघ व पूज्य तनसिंहजी के विचारों से प्रेरित होकर शिविर में यही प्रयास किया गया। इन बालिकाओं ने शिविर में बिना मोबाइल व सोशल मिडिया के स्वयं पर, स्वाध्याय के माध्यम से ध्यान केंद्रित करने का अभ्यास किया। बालिकाओं को समाज व देश की वर्तमान परिस्थितियों के साथ अपने यश गौरव का समन्व्य करने के बारे में बताया गया। उन्हें क्षात्र धर्म के निर्वहन की प्रेरणा दी गई। शिविर में हमने जो प्रेरणादायक सीखा है उसे व्यवहारिक जीवन में उतारना है। संपूर्ण चार दिवसीय शिविर में मातृशक्ति विभाग प्रमुख जोरावर सिंह भादला का सान्निध्य रहा। विदाई कार्यक्रम में संभाग प्रमुख रेवंतसिंह जाखासर, एडवोकेट भरतसिंहजी,भागीरथ सिंह सेरूणा,मल्लूसिंह,जयसिंह सहित मातृशक्ति भी उपस्थित रही। शिविर व्यवस्था में प्रांत प्रमुख जेठूसिंह पुन्दलसर,गणेश सिंह बीका श्रीडूंगरगढ़,मांगू सिंह जोधासर, ओमपाल सिंह जोधासर,छोटूसिंह गुसाईंसर,करणीसिंह,संदीपसिंह पुंदलसर आदि सहयोगी रहे।













