Nature Nature Nature Nature Nature Nature Nature ‘महारानी’ सब पर भारी! राजे के बंगले पर क्या खिचड़ी पक रही? - Homepage
Nature Nature Nature Nature Nature Nature Nature

‘महारानी’ सब पर भारी! राजे के बंगले पर क्या खिचड़ी पक रही?

राजस्थान की जनता को सत्ता के लिए जनादेश दिए एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन सीएम की कुर्सी पर कौन बैठेगा? इसे तय करने में लगातार देरी हो रही है। वहीं जिन नेताओं को सीएम की रेस में सबसे आगे माना जा रहा था, वे एक-एक कर पीछे होते जा रहे है। ऐसे में आम से लेकर खास तक सीएम के नाम को लेकर संशय बना हुआ है। हालांकि, माना जा रहा है कि कल तक सीएम फेस पर तस्वीर साफ हो सकती है। क्योंकि पार्टी पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सरोज पांड़े और विनोद तावड़े के आज जयपुर आने की संभावना है। इसके बाद मंगलवार को विधायक दल की बैठक होगी।

राजस्थान में मुख्यमंत्री की रेस में आधा दर्जन नेताओं के नाम शामिल है। लेकिन, इन सब पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भारी पड़ रही है। चौंकाने वाली बात ये है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, दीया कुमारी, किरोड़ी लाल मीणा और बाबा बालकनाथ सीएम की रेस में पिछड़ते हुए दिखाई दे रहे है। क्योंकि इन नेताओं के पक्ष में एक भी विधायक नहीं बोल रहा है। वहीं, दूसरी ओर 50 से ज्यादा विधायक राजे के समर्थन में खड़े है और राजे से मुलाकात भी कर चुके है।

इधर राजस्थान में सीएम को लेकर कल सस्पेंस खत्म हो जाएगा लेकिन इस बीच सोमवार को 13 सिविल लाइंस यानि वसुंधरा राजे के बंगले पर काफी हलचल देखी गई जहां वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी, बाबू सिंह राठौड़, जसवंत यादव, पूर्व विधायक अशोक परनामी, राजपाल सिंह शेखावत और प्रहलाद गुंजल पहुंचे.

वसुंधरा खुद दूर लेकिन समर्थकों को आस

वसुंधरा राजे ने भले ही अभी तक अपनी भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कही है लेकिन उनके समर्थक लगातार उन्हें सीएम बनाने को लेकर बयानबाजी कर रहे है। हालांकि राजे खुद नई दिल्ली तक दौड़ लगा रही है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि भले ही वे सीएम की दौड़ में बनना पसंद कर रही हो, लेकिन बिना केंद्रीय नेतृत्व की इच्छा के बिना वे भी इस बात को स्पष्ट कहने से बचना चाह रही है।

इसी तरह का रूख अर्जुन राम मेघवाल, दीया कुमारी और अन्य सम्भावित चेहरों का है। ऐसे में लोगों में चर्चा है कि जब सीएम पद की लालसा नहीं है तों मंदिरों में किस मनोकामना के लिए दिग्गज नेता ढोक लगा रहे है।

क्यों सब पर भारी वसुंधरा राजे?

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बीजेपी ने मुख्यमंत्री फेस घोषित नहीं किया है। फिर भी वो सब पर भारी पड़ रही है। क्योंकि राजे को 50 से ज्यादा बीजेपी विधायकों का समर्थन है। यही वजह है कि चुनाव परिणाम के बाद से ही राजे से विधायकों के मिलने का सिलसिला जारी है।

करीब 50 विधायकों ने राजस्थान में जीत के दूसरे दिन ही वसुंधरा राजे से मुलाकात की थी और रविवार को भी राजे के दिल्ली से लौटने के बाद 13 भाजपा विधायक और कुछ पूर्व पदाधिकारी उनके आवास 13, सिविल लाइंस पर उनसे मिलने पहुंचे थे। ऐसे में राजे को नजरअंदाज करना आसान नहीं है।

राजे ही पहली पसंद क्यों?

वसुंधरा राजे दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी है। ऐसे में बीजेपी विधायक चाहते है कि राजे को ही सीएम बनाया जाएं, क्योंकि उनके पास सत्ता संभालने का अनुभव है। सियासी जानकारों का कहना है कि विधायकों का समर्थन उसी नेता को मिलता है जिसे आलाकमान पसंद करता है। सियासी जानकारों की मानें तो सीएम रेस में शामिल नेताओं के यहां एक भी विधायक नहीं पहुंचा। ऐसे माना जा रहा है ये सभी रेस से बाहर हो चुके है।

क्यों सीएम पद की दौड़ से बाहर हुए संभावित नेता?

गजेंद्र सिंह शेखावत : मारवाड़ में भाजपा के अच्छे प्रदर्शन के बाद केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार बताया जा रहा है। वे पीएम मोदी की पंसद भी बताए जा रहे हैं। ऐसे में शेखावत ने ये फैसला कें द्रीय नेतृत्व पर छोड़ अपने को सीएम की रेस से दूर कर लिया है। सूत्रों के अनुसार उनके सीएम बनने पर भीतरी खाने में गुटबाजी हो सकती है।

दीया कुमारी: विद्याधर नगर विधानसभा सीट से विधायक दीया कुमारी भी सीएम की रेस में है। लेकिन, राजपूत समाज के अलावा कोई भी उनको सीएम बनाने की मांग नहीं कर रहा है। इतना ही नहीं, अभी तक कोई भी विधायक उन्हें सीएम बनाने की मांग नहीं कर रहा है और ना ही किसी विधायक ने उनसे मुलाकात की है।

किरोड़ी लाल मीणा: राज्यसभा सांसद से विधायक बने किरोडी लाल मीणा पूर्वी प्रदेश के बड़े नेता माने जाते हैं और एसटी वर्ग से तालुक्कात रखते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल को सीएम बनाकर एसटी समुदाय में अच्छी पकड़ बनाई जा सकें, लेकिन किरोड़ी लाल ने खुद ही अपने को सीएम की रेस से दूर कर सभी अटकलों को विराम देने की कोशिश की है।

बाबा बालक नाथ: जिस तरह भाजपा ने प्रदेश के चुनाव में ध्रुवीकरण किया और संतों को चुनाव में उतारा, उससे बाबा बालक नाथ को सीएम की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा था। ऐसे में बालक नाथ ने भी स्वयं को सीएम की रेस से दूर लिया। उन्होंने अपने को कम अनुभवी बता मोदी के नेतृत्व में ही काम करने की इच्छा दर्शाकर प्रदेश की जनता सहित राजनीति के पंडितों को चौंका दिया। हालांकि प्रदेश में लोगों के बीच वे आज भी सीएम की पहली पसंद बने हुए है।

Ashok Pareek

Related Posts

भूल जाएंगे भूलना, स्टडी में हुई पुष्टि बढ़ती है याददाश्त, पढ़े कद्दू के बीज के अन्य फायदे

कद्दू के बीज:कद्दू के बीज आकार में छोटे होते हैं, हालांकि अक्सर इन्हें फेंक दिया जाता है, लेकिन ये पोषण का पावरहाउस हैं। लोग इन बीजों को ‘पेपिटास’ भी कहते…

शनिवार 27 जुलाई 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

पंचांगतिथि:सप्तमी, 21:22 तकनक्षत्र:रेवती, 05:40 तकयोग:धृति, 22:42 तकप्रथम करण:विष्टि, 10:24 तकद्वितिय करण:बावा, 21:22 तकवार:शनिवारContentsवसुंधरा खुद दूर लेकिन समर्थकों को आसक्यों सब पर भारी वसुंधरा राजे?राजे ही पहली पसंद क्यों?क्यों सीएम पद…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

भूल जाएंगे भूलना, स्टडी में हुई पुष्टि बढ़ती है याददाश्त, पढ़े कद्दू के बीज के अन्य फायदे

शनिवार 27 जुलाई 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

शनिवार 27 जुलाई 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया

विधायक सारस्वत ने पालिका के विकास की बात सदन में उठाई, पालिका में भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों पर ठोस कार्यवाही की रखी पुरजोर मांग

विधायक सारस्वत ने पालिका के विकास की बात सदन में उठाई, पालिका में भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों पर ठोस कार्यवाही की रखी पुरजोर मांग

क्रेटा गाड़ी के खुले एयर बेग, टला बड़ा हादसा, पढ़े अपडेट खबर

क्रेटा गाड़ी के खुले एयर बेग, टला बड़ा हादसा, पढ़े अपडेट खबर

सड़क हादसा। डिवाइडर को चीरते हुए दूसरी साइड पर जा गिरी कार, कार सवार हुए चोटिल

सड़क हादसा। डिवाइडर को चीरते हुए दूसरी साइड पर जा गिरी कार, कार सवार हुए चोटिल

गुरुवंदन कार्यक्रम में शिक्षकों का सम्मान, शिक्षक संघ राष्ट्रीय समर्पण भाव से कार्य करने में प्रतिबद्ध- प्रजापत

गुरुवंदन कार्यक्रम में शिक्षकों का सम्मान, शिक्षक संघ राष्ट्रीय समर्पण भाव से कार्य करने में प्रतिबद्ध- प्रजापत
Social Media Buttons
Telegram
WhatsApp
error: Content is protected !!
Verified by MonsterInsights