
श्री गणेशाय नमः
श्रावण में बन रहे हैं अनेक शुभ योग! ये अचूक उपाय करेंगे सभी दु:ख दूर जानें कैसे?
समाचार गढ़, 20 जुलाई 2024। क्षेत्र के श्री गणेश ज्योतिष कार्यालय के विख्यात ज्योतिषी राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष शिव भक्ति का सर्वोत्तम समय श्रावण मास दिनांक 22/07/2024, सोमवार से आरंभ होगा। उपाध्याय ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस वर्ष श्रावणमास में अनेक विशेष योग बन रहे हैं। इन योगों में भगवान शिव का विधि पूर्वक पूजन करने से सभी दुःख दूर होते हैं।
1.सर्वार्थसिद्धियोग- दिनांक 22/07/2022, सोमवार, प्रातः 06:02 से रात्रि 10:21 बजे तक
2.नाग पंचमी – दिनांक 25/07/2024, गुरुवार, प्रातः 06:04 से रात्रि 01:58 बजे तक (सिद्धि योग)
3.सर्वार्थसिद्धियोग व अमृत सिद्धि योग दिनांक 26.7.2024 शुक्रवार दोपहर 2:30 बजे से संपूर्ण रात्रि तक
4.सर्वार्थसिद्धियोग दिनांक 28.7.2024 रविवार प्रातः 6:05 से 11:48 बजे तक
5.सर्वार्थसिद्धियोग दिनांक 30.7.2024 मंगलवार प्रातः 06:06 से प्रातः10:23 बजे तक
6.सर्वार्थसिद्धियोग दिनांक 31.7.2024 बुधवार संपूर्ण अहोरात्र
7.प्रदोष- दिनांक 1 अगस्त 2024 गुरुवार
8.मासिक शिवरात्रि- दिनांक 2 अगस्त 2024, शुक्रवार प्रातः 10:59 से संपूर्ण रात्रि तक (सर्वार्थसिद्धियोग)
9.सर्वार्थसिद्धियोग एवं रविपुष्य- दिनांक 4 अगस्त 2024, रविवार, प्रातः 6:09 से दोपहर 1:26 बजे तक
10.सर्वार्थसिद्धियोग एवं अमृत सिद्धि योग- दिनांक 14- 8- 2024, बुधवार प्रातः 6:14 से दोपहर 12:13 बजे तक
11.सर्वार्थसिद्धियोग- दिनांक 18-08-2024, रविवार, प्रातः 6:15 से 10: 15 बजे तक
12.सर्वार्थसिद्धियोग- दिनांक 19 अगस्त 2024, सोमवार, प्रातः 6:16 से 8:10 बजे तक
1. अविवाहित अवश्य करें यह अचूक उपाय
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय के पूर्व सहायक आचार्य राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता सती ने भगवान शंकर को वर के रूप में पाने लिए श्रावण मास में ही सर्वाधिक साधना की थी इस दौरान मां सती श्रावण मास में प्रतिदिन शिवलिंग बनाकर पूजन अर्चन करके विसर्जन करती थी। जिसके फल स्वरुप मां ने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त किया था। आचार्य के अनुसार जिस युवक युवतियों के विवाह में विलंब हो रहा है उन्हें शीघ्र विवाह एवं कन्या को श्रेष्ठ वर पाने के लिए श्रावण मास में शिव पूजन निश्चित ही करना चाहिए।
2. शिवपूजन हेतु श्रावण मास विशेष क्यों?
आचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मार्कण्डेय ने दीर्घायु के लिए श्रावण मास में ही घोर तप करके भगवान शिव की कृपा से अजर -अमर होने का आशीर्वाद प्राप्त किया था। आचार्य ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंभीर रोगों से मुक्ति, दीर्घायु प्राप्ति,अकाल मृत्यु, जीवन के समस्त दु:खों के निवारण लिए श्रावण मास में शिवपूजन ही सर्वोत्तम उपाय माना गया है।
3. कौनसी शिवलिंग पर शिवपूजन करें?
आचार्य रामदेव उपाध्याय ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार सावन मास में यजमान के द्वारा अपने हाथ से पार्थिव शिवलिंग बनाकर शिवपूजन करने का विशेष विधान बताया गया है जिस दौरान ब्राह्मण को श्वेत मिट्टी, क्षत्रिय को लाल मिट्टी, वैश्य को पीली मिट्टी, चतुर्थ वर्ण को काली मिट्टी से शिवलिंग का निर्माण करके शिव पूजन करने से चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते है।
4. शिव पूजन से होते है सभी ग्रह शांत जाने कैसे?
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार शिव पूजन के दौरान शिवलिंग पर लाल चंदन का लेप करने से सूर्य, गाय के कच्चे दूध का अभिषेक करने से चंद्र, शहद चढ़ाने से मंगल, बिल्व पत्र एवं दुर्वा चढ़ाने से बुद्ध, भीगी हुई चने की दाल चढ़ाने से गुरु, दही व चीनी बुरा चढ़ाने से शुक्र, धूपबत्ती से शनि, जलधारा, भांग एवं धतूरे से राहु- केतु आदि ग्रह शांत होते हैं।
राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय
ज्योतिष विद्
9414429246
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय
भूतपूर्व सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़ 9829660721