
समाचार गढ़, 25 दिसम्बर 2024, श्रीडूंगरगढ़। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की मोमासर कॉलेज इकाई ने महाराजा सूरजमल के शौर्य को दिवेश के रूप में मनाते हुए पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर इकाई अध्यक्ष कृष्णा प्रजापत ने कहा कि महाराजा सूरजमल सिर्फ जाट समाज के नहीं, बल्कि सभी वर्गों के आदर्श और हितैषी थे।
नेतराम गोदारा ने महाराजा सूरजमल के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों, कमजोरों और अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया और शहीद हुए। उन्होंने 80 युद्ध लड़े, लेकिन कभी पराजित नहीं हुए। उनकी बहादुरी और दूरदर्शिता इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।
लोहागढ़ किले का गौरवपूर्ण इतिहास
नेतराम गोदारा ने बताया कि महाराजा सूरजमल ने राजस्थान के लोहागढ़ किले का निर्माण किया, जिसे आज तक कोई भेद नहीं सका। अंग्रेजों और मुगलों ने इस किले पर 13 बार आक्रमण किया, लेकिन किले की मजबूत दीवारों ने उनकी हर कोशिश को नाकाम कर दिया। इस अद्वितीय रणनीति और बहादुरी के कारण महाराजा सूरजमल को “एशिया का प्लूटो” भी कहा गया।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्र-छात्राएं
इस अवसर पर माया शर्मा, पलक भाटी, दानाराम मेघवाल, जयश्री सुथार, सुमन शर्मा, अंकिता सुथार, सरोज शर्मा, धन्नी, अंजू, ममता, पूजा, पुष्पेंद्र यादव, हरिओम प्रजापत, श्रवण प्रजापत, नेतराम गोदारा, जितेंद्र कमलिया, सुशील और कमल समेत कई विद्यार्थी मौजूद रहे।