
समाचार गढ़, 8 अप्रेल, श्रीडूंगरगढ़। प्रदेश की राजनीति में अपनी सादगी, सेवा और सिद्धांतों के लिए विशेष पहचान बनाने वाले तीन बार के पूर्व विधायक नेतोजी किशनाराम नाई अब हमारे बीच नहीं रहे। सोमवार देर रात नेतोजी ने अंतिम सांस ली, और इस दुखद समाचार के फैलते ही समूचे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई।

श्रीडूंगरगढ़ स्थित एनएच-11 पर नेतोजी के फार्महाउस — जिसे क्षेत्र में ‘नेतोजी की बाड़ी’ के नाम से जाना जाता है — पर समर्थकों और श्रद्धालुओं का तांता लग गया। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों की बाढ़ आ गई तो वहीं बाड़ी में उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करने वालों का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा।
सैन समाज के वरिष्ठ कार्यकर्ता ओमप्रकाश फुलभाटी बताते हैं कि नेतोजी का अधिकतर जीवन इसी बाड़ी में बीता। यहीं वे न केवल गौसेवा में रत रहते, बल्कि आमजन की समस्याएं सुनते और राजनीति की दिशा तय करते थे। उनकी बाड़ी हमेशा सामाजिक संवाद और जनकल्याण का केंद्र रही।
आज मंगलवार दोपहर 3:15 बजे वहीं से नेतोजी की अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई। हजारों लोगों की उपस्थिति में यह यात्रा घुमचक्कर, ऑटो स्टैंड, गौरव पथ प्याऊ, विजय स्टोर, हाई स्कूल रोड, बोथरा बारदाना, व्हाइट हाउस (आशीष जाड़ीवाल आवास) होते हुए पुनः बाड़ी में संपन्न हुई।

उनकी पार्थिव देह को पुत्र मदनलाल नाई ने मुखाग्नि दी। यह दृश्य अत्यंत भावुक कर देने वाला था— जब हजारों आंखें नम थीं, और हर कोई नेतोजी की स्मृतियों में खोया था।
नेताजी के राजनीतिक जीवन को किसी पार्टी की सीमाओं में नहीं बांधा जा सकता। भाजपा, कांग्रेस, माकपा सहित विभिन्न दलों के नेता व कार्यकर्ता उनके अंतिम दर्शन को पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की।

अब नेतोजी की बाड़ी में ही उनके सम्मान में एक स्मारक बनाने की योजना है, जो भावी पीढ़ियों को उनकी सेवा, संघर्ष और समर्पण की प्रेरणा देता रहेगा।
नेतोजी किशनाराम नाई का यूं चले जाना सिर्फ एक नेता का जाना नहीं, बल्कि एक विचारधारा का, एक संस्कार का, एक सच्चे जनसेवक का जाना है। श्रीडूंगरगढ़ ने आज अपने राजनीतिक पितामह को खो दिया।
बता दें कि प्रदेश के सीएम भजनलाल शर्मा का कल बुधवार को श्रीडूंगरगढ़ का प्रस्तावित दौरा है। वे श्रीडूंगरगढ़ पहुंच कर जननेता किसनाराम नाई को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
