
समाचार गढ़, 6 जून 2025 सनातन धर्म में निर्जला एकादशी व्रत को सबसे कठिन लेकिन सबसे पुण्यदायी तिथि माना गया है। इस दिन की महिमा केवल उपवास तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह दिन सेवा, परोपकार और मानवता के कार्यों के लिए भी प्रेरणा देता है। श्रीडूंगरगढ़ में आज यह तिथि जनसेवा और गौसेवा के कई रूपों में नजर आई।
नर नारायण सेवा संस्थान द्वारा सेवा आयोजन
नर नारायण सेवा संस्थान, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा आज घूमचक्कर क्षेत्र में विशाल सेवा शिविर लगाया गया।
संस्थान के संस्थापक धनराज जस्सू ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी निर्जला एकादशी के अवसर पर आम नागरिकों के लिए शीतल एवं मीठे पेयों और प्रसाद का वितरण किया गया।
इस सेवा आयोजन में लस्सी, केरिपाना शरबत, रोज शरबत, ऑरेंज शरबत, आइसक्रीम, केला और चॉकलेट वितरित किए गए।
यह सेवा सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक लगातार चली। आयोजन में अनेक गणमान्य जनों व सेवा-भावी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें संस्थान अध्यक्ष सुषमा करनानी, श्याम करनानी, आनंद जोशी, विनोद तोलंबिया, प्रदीप तंवर, राजकुमार राजपुरोहित, सीताराम मोसुण, राजकुमार नाई, राजेश महावर, कैलाश, महेंद्रनाथ, अभिषेक, गोरीशंकर, मुकेश गोड़ शामिल रहे।

घूमचक्कर, टैक्सी स्टैंड और गांधी पार्क पर बहुत हुए सेवा कार्य
घूमचक्कर, टैक्सी स्टैंड और गांधी पार्क — पर भी श्रद्धालु जनों ने निर्जला एकादशी के अवसर पर प्यासों की सेवा की।




इन सेवा कार्यों में विभिन्न स्थानीय संगठनों व युवाओं ने तन-मन-धन से सहभागिता निभाई।
गौशालाओं में गौसेवा: गायों को खिलाया गया मीठा तरबूज

शहर की गौशालाओं में आज का दिन गौसेवा को समर्पित रहा।
गर्मी के इस भीषण मौसम में गायों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गुड़ और तरबूज खिलाकर सेवा की गई। यह कार्य विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं द्वारा किया गया जो गौमाता की सेवा को सर्वोच्च पुण्य मानते हैं।