मोमासर में द्वितीय दिवस की भागवत कथा
समाचार गढ़। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के गांव मोमासर में चित्रकार बजरंग सुथार के द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस की कथा सुनाते हुए भागवतकार संतोष सागर ने कहा कि भागवत कथा ही शंकर भगवान द्वारा सुनाई गई अमर कथा है। भागवत की सारी बातें रसमयी हैं। यह वेद की शाखा है। विद्वानों ने भागवत को मन की औषधि कहा है।
कथावाचक संतोष सागर ने कहा कि हमें संस्कारित करने वाली कथाओं के प्रति हमारा आकर्षण रहना चाहिए। सुन्दर स्वभाव के प्रति आकर्षण हमेशा रहता है। जिसका स्वभाव ठीक नहीं, उसके प्रति किसी का भी आकर्षण नहीं रहता।
कथावाचक युवा संत ने कहा कि भागवत के तीन स्तर हैं। पर श्रोताओं को तो अपने स्तर को हमेशा याद रखना चाहिए कि यह कथा उनके अपने कल्याण के लिए है।
भागवत कथा में आज की कथा के समापन से पहले अनेक गणमान्य जनों को दुपट्टा तथा तस्वीर भेंट कर उनका सम्मान किया गया। आज की कथा में महाभारत के प्रसंग सुनाए गए।