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रोज की छोटी-छोटी आदतें कर सकती हैं बच्चों की आंखें खराब, बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय

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मायोपिया: समस्या और समाधान

समाचार गढ़, 3 दिसम्बर। आजकल बच्चों में मायोपिया (निकट दृष्टि दोष) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय बन चुका है। यह स्थिति न केवल उनकी पढ़ाई और दैनिक जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि भविष्य में दृष्टि संबंधित गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है।

मायोपिया क्या है?

मायोपिया एक ऐसी आंखों की समस्या है, जिसमें दूर की चीजें धुंधली दिखाई देती हैं। यह आमतौर पर आंख के आकार में असामान्य वृद्धि या कॉर्निया के अत्यधिक घुमावदार होने के कारण होता है।
मुख्य लक्षण:

धुंधला दिखाई देना

आंखों में दर्द या थकावट

सिरदर्द

आंखों में जलन

बच्चों में मायोपिया के बढ़ने के कारण

1. स्क्रीन टाइम अधिक होना: स्मार्टफोन, कंप्यूटर और टीवी का अत्यधिक उपयोग आंखों पर दबाव डालता है।

2. आउटडोर गतिविधियों की कमी: बाहरी खेलों में भागीदारी का अभाव मायोपिया की संभावना बढ़ाता है।

3. आनुवंशिक प्रभाव: अगर माता-पिता में से किसी एक को मायोपिया है, तो बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है।

4. शैक्षणिक दबाव: लंबे समय तक पढ़ाई करने या डिजिटल माध्यमों का उपयोग करने से आंखों पर तनाव बढ़ता है।

मायोपिया से बचने के उपाय

1. स्क्रीन टाइम सीमित करें: बच्चों को स्क्रीन पर बिताने वाले समय को नियंत्रित करें और बीच-बीच में ब्रेक लेने की आदत डालें।

2. आउटडोर एक्टिविटीज को बढ़ावा दें: उन्हें प्राकृतिक रोशनी में खेलने के लिए प्रेरित करें।

3. नियमित आंखों की जांच: समय-समय पर डॉक्टर से आंखों की जांच कराएं।

4. संतुलित आहार: बच्चों को विटामिन-ए और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दें।

5. आंखों की एक्सरसाइज: आंखों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए नियमित एक्सरसाइज सिखाएं।

6. चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस का सही उपयोग: डॉक्टर की सलाह के अनुसार चश्मा या लेंस का इस्तेमाल करें।

सावधानी और जागरूकता ही बचाव का उपाय

मायोपिया को रोकने और बच्चों की आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें। बच्चों को स्वस्थ दिनचर्या और संतुलित जीवनशैली अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें।

नोट: यह लेख केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

  • Ashok Pareek

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