समाचार गढ़ 11 सितंबर 2025 श्रीडूंगरगढ़। गुणीजन सम्मान समारोह समिति की ओर से इस बार श्री जसवंतमल राठी स्मृति संगीत-भूषण सम्मान वरिष्ठ गीतकार, संगीतकार और गायक सुमेरमल पुगलिया को प्रदान किया जाएगा।
राजस्थानी लोक रंग से ओतप्रोत पुगलिया ने महज़ 14 वर्ष की उम्र में अपने मामा के लिखे गीतों को संगीतबद्ध कर अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था। उन्होंने अपने मन के चाव से सैकड़ों गीत लिखे और उन्हें संगीतबद्ध किया। व्यावसायिक उपयोग से दूर रहते हुए वे हमेशा स्वान्तः सुखाय कार्य करते रहे हैं।
उनका गाया और संगीतबद्ध किया गीत “अरे घास री रोटी” काफी लोकप्रिय हुआ। इसके अलावा अपने मामा जसकरण आंचलिया के लिखे ढेरों राजस्थानी गीतों को उन्होंने संगीत दिया। वहीं “रेशम की झिलमिल चूंदड़ी” जो श्रीमंतकुमार व्यास रचित एक ऐतिहासिक गाथा है, उसे उन्होंने संगीतबद्ध कर राजस्थान कोकिला सीमा मिश्रा के साथ भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।
सम्मान के अन्तर्गत सुमेर पुगलिया को 31 हजार रुपये की राशि, शॉल, श्रीफल तथा सम्मान-पत्र भेंट किया जाएगा। यह सम्मान समारोह आगामी अक्टूबर माह में एक भव्य कार्यक्रम में आयोजित किया जाएगा।
समिति अध्यक्ष लाॅयन महावीर माली ने बताया कि पिछले छह वर्षों से यह सम्मान विभिन्न गायक, वादक और संगीतकारों को प्रदान किया जा रहा है। इस वर्ष समारोह के प्रायोजक श्री गौरीशंकर राठी रहेंगे, जो स्वयं साहित्य और संगीत प्रेमी व्यक्तित्व हैं।










