समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। आज गुरुवार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम विधेयक 2022 पर हुई चर्चा में विधायक गिरधारी महिया ने भाग लिया और प्रदेश में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में नकल की रोकथाम के लिए अन्य कड़े़ प्रावधान विधेयक में शामिल करने की मांग की।
विधायक महिया ने कहा कि परीक्षाओं में गड़बड़ियों के इन अपराधों ने एक संगठित अपराध का रूप ले लिया। असल में ज्यादातर वो लोग इन अपराधों में संलिप्त हैं जो सरकारी मुलाजिम होते हुए भी निजी शिक्षण संस्थाएं चलाते है।
विधायक महिया ने कहा कि दुनिया का कोई भी कानून जब तक कठोरता से लागू नहीं होता, तब तक अपराधी उस कानून से डरता नहीं है। सरकार ने विधेयक में सरकारी मुलाजिम या निजी शिक्षण संस्थाओं के संचालकों के खिलाफ 5 साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है। विधायक ने कहा कि जो अपराधी सरकारी मुलाजिम है, उन पर ही अगर सरकार कठोर कार्यवाही करने का इरादा नहीं रखती तो विधेयक को प्रभावी तरीके से लागू नहीं कर सकते हैं।
विधायक महिया ने सुझाव दिया कि अगर कोई सरकारी मुलाजिम है तो उसके खिलाफ एफ.आई.आर दर्ज होते ही तुरंत सस्पेंड करने का प्रावधान इस कानून में होना चाहिए। जब तक कानून की ट्रायल चलती है और अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक सरकारी मुलाजिम को सस्पेंड रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कानून को कड़ा व प्रभावी नहीं बनाया जाएगा तो अपराधी अपने रसूख के जरिए इन अपराधों को आगे बढ़ाने की योजना बनाते रहेंगे।