समाचार गढ़, 3 जनवरी, श्रीडूंगरगढ़। कस्बे के श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय में “हिंदी भाषा एंव काव्य ज्ञान” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि साहित्यकार शैलेंद्र चौहान जयपुर ने विद्यार्थियों को कविता संग्रह का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में युवा साहित्य, कविता व भाषा की पुस्तकों से दूर होते जा रहे है। जिसका एक कारण डिजिटल युग की शुरुआत है। युवा जो शिक्षा ग्रहण कर रहे है, उसका एक उद्देश्य होना चाहिए। शिक्षा का उद्देश्य रोजगार मात्र नहीं होकर समाज, समाज सेवा में भी निहित होना चाहिए। साहित्यकार चौहान ने कहा कि कविता संग्रह में कथाओं का नवाचार हुआ है। साहित्य ने समाज को एक रहने का सूत्र दिया है। किंतु यह विडम्बना है,कि यह साहित्य युवाओं तक नहीं पहुंच रहे। साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि युवाओं को साहित्यक ज्ञान होना आवश्यक है। साहित्यिक ज्ञान युवाओं में बौद्धिक क्षमताओं का विकास करता है। समाजिक कार्यकता रामचंद्र राठी ने कहा कि विद्यार्थी हिंदी व उसके काव्य ज्ञान का अध्यन सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं करते हुए, उसको बौद्धिक विकास के लिए करें। प्राचार्य डॉ.विनोद सुथार ने अतिथियों का शॉल, साफा व मोमेंटों देकर सम्मान किया। व्याख्यान का संचालन हिन्दी विभाग के व्याख्याता पवन सिद्ध ने किया। इस दौरान डॉ.राजेश सेवग, सुनील आचार्य, निशा स्वामी, महावीर धामा मौजूद रहें।
सड़क हादसों में बढ़ती मौतों पर फूटा युवा आक्रोश, ट्रॉमा सेंटर निर्माण की मांग को लेकर कल होगी जन आक्रोश सभा
समाचार गढ़, 14 जनवरी 2025। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में सड़क हादसों में हो रही मौतों से नाराज युवाओं ने गुरुवार को अपनी आवाज बुलंद करने की ठानी है। दो साल पहले…