
समाचार गढ़ 14 मार्च 2025 होली का उत्सव पूरे रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ मनाया जा रहा है। बीती रात जहां पूरे श्रद्धा और उत्साह से होलिका दहन किया गया, वहीं आज सुबह से ही कस्बे में रामा-शामा का पारंपरिक सिलसिला शुरू हो गया है।
यहां की लोक परंपरा के अनुसार, होलिका दहन के अगले दिन यानी धुलंडी से पहले रामा-शामा होता है। इस रस्म में लोग अपने से बड़ों और सगे-संबंधियों के घर जाकर उन्हें प्रणाम करते हैं, होली की शुभकामनाएं देते हैं और उनका आशीर्वाद लेते हैं। यह केवल एक रिवाज नहीं, बल्कि आपसी रिश्तों को मजबूती देने वाला एक सांस्कृतिक आयोजन है, जो पीढ़ियों से निभाया जा रहा है।
रामा-शामा के बाद ही रंगों की होली खेली जाती है। आज पूरे दिन कस्बे में यही रिवाज चलता रहेगा – लोग एक-दूसरे से मिलने जाएंगे, आशीर्वाद लेंगे और फिर रंग-गुलाल की मस्ती में डूब जाएंगे।
इसके साथ ही आज से गणगौर पूजन का भी शुभारंभ हो गया है। कुंवारी कन्याओं और विवाहित महिलाओं ने सुबह से ही पारंपरिक तरीके से गणगौर पूजन शुरू कर दिया है। यह पूजन 16 दिनों तक चलेगा और आज इसका प्रथम दिन है। गौरी माता से अच्छे वर और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के साथ महिलाएं पूरे भक्ति भाव से पूजन में जुटी हैं।
त्योहारों के इस संगम ने कस्बे को उमंग, भक्ति और सांस्कृतिक रंगों से सराबोर कर दिया है।


