
समाचार गढ़, 28 मई 2025। पंचकूला में सोमवार देर रात एक खौफनाक मंजर सामने आया जब डायल 112 पर सूचना मिली कि एक कार के भीतर पूरा परिवार मृत अवस्था में मिला है। यह घटना सेक्टर-21 स्थित मकान नंबर 1204 के सामने घटी, जहां खड़ी कार से पुलिस को आत्महत्या का संदिग्ध मामला मिला। शुरुआती जांच में पता चला कि कार उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के नंबर से रजिस्टर्ड है, और यहीं से इस रहस्य ने एक नया मोड़ ले लिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि यह वही मित्तल परिवार है जो पहले देहरादून के कौलागढ़ इलाके में करीब तीन साल किराये पर रहा था। पड़ोसियों के मुताबिक, परिवार पिछले एक साल से देहरादून छोड़कर चंडीगढ़ चला गया था। यहां प्रवीण मित्तल नामक व्यक्ति ‘चाइल्ड लाइफ केयर मिशन’ नाम से एक एनजीओ चला रहे थे, जो दिव्यांग बच्चों के लिए काम करता था।
कार की तलाशी में पुलिस को प्रवीण मित्तल का आधार कार्ड मिला, जिसमें कौलागढ़ के मकान नंबर 274 का पता दर्ज था। इसी आधार पर पंचकूला पुलिस ने रातोंरात देहरादून पुलिस से संपर्क कर सामूहिक आत्महत्या की इस दर्दनाक घटना की जानकारी दी।
देहरादून के एसपी अजय सिंह ने पुष्टि की कि मित्तल परिवार कौलागढ़ में तीन साल तक किराये पर रहा था, लेकिन एक साल पहले वे चंडीगढ़ स्थित अपने मूल पते पर चले गए थे। इस बीच, जिस कार में मित्तल परिवार के सदस्य मृत मिले, वह कार प्रवीण मित्तल के नहीं, बल्कि उनके मित्र गंभीर सिंह नेगी के नाम पर थी। नेगी देहरादून के मालदेवता क्षेत्र के निवासी हैं और उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी मित्तल से पहचान उनके एनजीओ के माध्यम से हुई थी।
नेगी ने बताया कि प्रवीण मित्तल ने उनके नाम पर कार फाइनेंस कराने की बात कही थी और वर्ष 2021 से यह कार वे ही इस्तेमाल कर रहे थे। इस घटना से कौलागढ़ और पंचकूला दोनों ही क्षेत्रों में शोक की लहर है। पड़ोसी अभी भी इस दर्दनाक घटना पर विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि जो परिवार कभी बच्चों की मुस्कान के लिए काम करता था, वह खुद जिंदगी से हार बैठा।
पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह साफ हो सके। समाजसेवा से जुड़े इस परिवार का ऐसा अंत कई सवाल खड़े कर रहा है।