दिनांक 07 -05 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज केशर के इस प्रयोग से बढ़ेगी आपकी प्रतिष्ठा जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 07/05/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- द्वितीया रात्रि 20:12 बजे उपरांत तृतीया
* वार- रविवार
* नक्षत्र – अनुराधा रात्रि 20:18 बजे उपरांत ज्येष्ठा
* योग- 1 परिध – रात्रि 26:50:24 बजे उपरांत 2 शिव
करण-1* तैतिल – 09:04:48 A.m. 2 गर- 20:12 P.M. उपरांत 3 वणिज-
* चंद्र राशि – वृश्चिक
चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक,मकर, कुंभ,मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 05:58 A.M. सूर्यास्त – 07:05 P.M.
दिनमान – 13:07
रात्रिमान – 10:51 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:07:30 बजे से 12:55:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:31:30 से 02:09:52 बजे तक
2. रात्रि 01:51:52 से 03:13:15 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 05:58 से 07:36:22 तक
2.चंचल-प्रातः 07:36:22 से 09:14:45 तक
- लाभ- प्रातः 09:14:45 से 10:53:07 तक
4.अमृत-प्रातः 10:53:07 से 12:31:30 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:31:30 से 02:09:52 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:09:52 से 03:48:15 तक
7.रोग-सायं 03:48:15 से 05:26:37 तक
8.उद्वेग-सायं 05:26:37 से 07:05:00 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 07:05:00 से 08:26:22 तक
2.अमृत -रात्रि 08:26:22 से 09:47:45 तक
3.चंचल-रात्रि 09:47:45 से 11:09:07 तक
4.रोग-रात्रि 11:09:07से 12:30:30 तक
5.काल-रात्रि 12:30:30 से 01:51:52 तक
6.लाभ-रात्रि 01:51:52 से 03:13:15 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:13:15 से 04:37:37 तक
8.शुभ-रात्रि 04:34:37 से 05:56 तक
वार विशेष- श्री नारद जयंती
शास्त्रों के अनुसार रविवार का दिन सूर्योपासना के लिए विशेष दिन माना जाता है। सूर्य देव के दर्शन से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य देव को नवग्रह में राजा का पद प्राप्त है। सूर्य की उपासना करने से भाग्योदय में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है अतः रविवार को विशेषतः स्नान करते समय जल में लाल पुष्प व केसर डालकर स्नान करने से सूर्य प्रबल होता है। जिसका सूर्य प्रबल होता है उसक मान- सम्मान, प्रतिष्ठा आदि सदैव बने रहते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721